मोरक्को में युवाओं का गुस्सा उबाल पर: बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ नौ दिन से प्रदर्शन जारी

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मोरक्को में बीते नौ दिनों से हजारों युवा सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। देश की राजधानी रबात समेत कई प्रमुख शहरों — कासाब्लांका, मराकेश और फ़ेज़ — में ये प्रदर्शन लगातार जारी हैं। विरोध करने वाले अधिकतर युवा ‘GenZ 212’ नामक एक विकेन्द्रित (decentralized) ऑनलाइन आंदोलन से जुड़े हैं, जो किसी एक नेता या संगठन के बजाय सोशल मीडिया के माध्यम से समन्वित हो रहा है। टिकटॉक, इंस्टाग्राम और डिसकॉर्ड जैसे प्लेटफ़ॉर्मों पर साझा किए जा रहे संदेशों के जरिए युवाओं ने एकजुट होकर बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है।

मोरक्को में युवाओं के बीच बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है, जिससे असंतोष गहराता जा रहा है। कई प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार देश के बुनियादी ढांचे — जैसे स्कूलों, अस्पतालों और सार्वजनिक सेवाओं — में सुधार करने के बजाय अंतरराष्ट्रीय आयोजनों और बड़े प्रोजेक्ट्स पर अधिक धन खर्च कर रही है। विशेष रूप से 2030 फुटबॉल वर्ल्ड कप की तैयारियों को लेकर आलोचना हो रही है, क्योंकि लोग महसूस कर रहे हैं कि सरकार की प्राथमिकताएं आम नागरिकों की जरूरतों से दूर हो गई हैं। यही गुस्सा धीरे-धीरे सड़कों पर फूट पड़ा और यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया।

हालांकि शुरुआती दिनों में यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन कुछ जगहों पर स्थिति बेकाबू हो गई। रबात और कासाब्लांका में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। कई जगह आगजनी, पथराव और वाहनों को नुकसान पहुंचाने जैसी घटनाएं सामने आईं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, झड़पों में कई लोग घायल हुए हैं और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। कुछ रिपोर्टों में सुरक्षा बलों द्वारा बल प्रयोग और गोली चलाने की खबरें भी सामने आईं, जिनमें कुछ लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है।

मोरक्को की सरकार ने प्रदर्शनकारियों की शिकायतों को “महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे” बताते हुए संवाद की पेशकश की है। प्रधानमंत्री और सरकारी प्रवक्ताओं ने कहा है कि प्रशासन युवाओं की बात सुनने के लिए तैयार है, लेकिन साथ ही उन्होंने सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को कड़े निर्देश भी दिए हैं। वहीं, मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सरकार से संयम बरतने और बल प्रयोग की घटनाओं की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंदोलन सिर्फ अस्थायी विरोध नहीं है, बल्कि मोरक्को के युवाओं में पनप रहे लंबे असंतोष का संकेत है। अगर सरकार ने रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में तत्काल सुधार नहीं किए तो यह विरोध एक बड़े सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तन का रूप ले सकता है। फिलहाल देश में हालात तनावपूर्ण हैं और सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है — युवाओं के भरोसे को फिर से जीतना और हिंसा की घटनाओं को काबू में रखना।

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