दिल्ली की राजनीति के वरिष्ठ और अनुभवी नेता प्रोफेसर विजय कुमार (वीके) मल्होत्रा का मंगलवार सुबह नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। करीब 93–94 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। लंबे समय से बीमार चल रहे मल्होत्रा भारतीय जनता पार्टी और पूर्व जनसंघ के उन चुनिंदा नेताओं में से थे, जिन्होंने दिल्ली में पार्टी की मजबूत नींव रखी। उनके निधन की खबर से दिल्ली ही नहीं, पूरे देश की राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से उनके घर पहुंचे और परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि वीके मल्होत्रा का जीवन सार्वजनिक सेवा और संगठन निर्माण को समर्पित रहा। उन्होंने दिल्ली में पार्टी के विस्तार और संगठनात्मक मजबूती के लिए जो योगदान दिया, वह हमेशा याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने उनके निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी मल्होत्रा के आवास पर पहुंचीं और परिवार से मिलकर दुख साझा किया। उन्होंने कहा कि वीके मल्होत्रा न केवल एक बड़े नेता थे बल्कि शिक्षा और खेल प्रशासन में भी उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनके मार्गदर्शन और प्रेरणा से कई युवा नेताओं ने राजनीति में अपनी राह बनाई।
मल्होत्रा का राजनीतिक सफर बेहद लंबा और प्रेरणादायक रहा। जनसंघ के समय से राजनीति में सक्रिय रहकर उन्होंने भाजपा को दिल्ली में खड़ा किया। वे दो बार दिल्ली विधानसभा के सदस्य और पांच बार संसद के सदस्य रहे। उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक उपलब्धि 1999 के लोकसभा चुनाव में सामने आई, जब उन्होंने उस समय के कांग्रेस नेता और भावी प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को हराया। यह जीत उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी पहचान दिलाने वाली रही।
सिर्फ राजनीति ही नहीं, वे खेल और शिक्षा के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे। दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़े रहने के साथ-साथ खेल प्रशासन में भी उनकी अहम भूमिका रही। संगठनात्मक निष्ठा, सादगी और अनुशासन उनकी पहचान रहे। कार्यकर्ता उन्हें हमेशा एक आदर्श और प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में याद करते रहेंगे।
परिवार और पार्टी की ओर से आगे श्रद्धांजलि सभाओं और अंतिम संस्कार से संबंधित जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। भाजपा नेतृत्व और देशभर के कार्यकर्ताओं ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया है। उनका जीवन और कार्य न केवल दिल्ली भाजपा बल्कि पूरे संगठन के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।
