संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तान पर सीधा हमला बोला और उसे वैश्विक आतंकवाद का केंद्र करार दिया। उन्होंने कहा कि दशकों से एक ही पड़ोसी देश आतंकवाद को अपनी राज्य नीति का हिस्सा बनाए हुए है और दुनिया इस वास्तविकता को नजरअंदाज नहीं कर सकती।
जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल 2025 में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए इसे “सीमा पार से प्रायोजित बर्बरता” बताया। उन्होंने कहा कि निर्दोष पर्यटकों की हत्या इस बात का ताजा उदाहरण है कि आतंकवाद किस तरह पाकिस्तान से पोषित होकर भारत की शांति और स्थिरता को चुनौती देता है।
ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ
अपने संबोधन में जयशंकर ने भारत की हाल की सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अपने अधिकार का प्रयोग किया है और दोषियों को कानून के कटघरे में लाने का काम किया है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने आतंकवादी ढांचों और प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया। इस कार्रवाई का उद्देश्य किसी भी नागरिक या पाकिस्तान की आधिकारिक सैन्य संरचना को नुकसान पहुँचाना नहीं था, बल्कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली संरचनाओं का खात्मा करना था। इस ऑपरेशन ने स्पष्ट संदेश दिया कि भारत आतंकवाद को कभी सहन नहीं करेगा और इसकी नई रणनीति आतंकियों को उनके सुरक्षित ठिकानों में भी चैन से नहीं बैठने देगी।
भारत की सख्त चेतावनी
जयशंकर ने कहा कि जब कोई राष्ट्र आतंकवाद को अपनी राज्य नीति बना लेता है, जब आतंक का उद्योग बड़े पैमाने पर चलता है और जब आतंकियों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाता है—तो ऐसी नीतियों को पूरी तरह नकार देना चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे आतंकवाद को वित्तीय मदद और समर्थन देने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाएँ तथा आतंक के आकाओं को वैश्विक प्रतिबंध सूची में डाला जाए।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत का पलटवार
भारत की इस कड़ी टिप्पणी के जवाब में पाकिस्तान ने इसे अपने खिलाफ प्रचार बताते हुए नकारा। हालांकि, पाकिस्तान के इस रवैये पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी और सभा से वॉकआउट किया। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह स्पष्ट कर दिया कि वह अब किसी भी हाल में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर ढील नहीं देगा।
निष्कर्ष
जयशंकर का यह भाषण इस बात का प्रमाण है कि भारत अब सिर्फ सैन्य स्तर पर ही नहीं बल्कि कूटनीतिक मंचों पर भी आतंकवाद के खिलाफ मुखर और आक्रामक रणनीति अपना रहा है। ऑपरेशन सिंदूर और संयुक्त राष्ट्र में दिए गए संदेश ने साफ कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद को सिर्फ घरेलू चुनौती नहीं बल्कि वैश्विक खतरा मानता है और इसका डटकर मुकाबला करेगा।
