उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में 26 सितंबर 2025 को ‘I Love Mohammad’ पोस्टर्स को लेकर स्थिति गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गई। शहर के इस्लामिया ग्राउंड पर इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान के आह्वान पर हुए विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस दौरान पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का उपयोग किया। हिंसक घटनाओं में दस पुलिसकर्मी घायल हुए और 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।
इस विवाद की जड़ें 4 सितंबर को कानपुर में लगे ‘I Love Mohammad’ पोस्टर्स में हैं, जिन्हें कुछ हिंदू संगठनों ने धार्मिक भावनाओं का उल्लंघन मानते हुए विरोध किया। बरेली में मौलाना तौकीर रजा ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन का आह्वान किया, हालांकि प्रशासन ने सार्वजनिक अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने इकट्ठा होकर मौलाना रजा के घर के बाहर पोस्टर लगाए और नारेबाजी की। प्रशासन ने उन्हें नजरबंद कर मामले की गंभीरता के अनुसार पूछताछ शुरू कर दी।
पुलिस ने घटना के बाद 1,700 अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा, सरकारी कार्य में बाधा डालना और पुलिसकर्मियों पर हमला जैसी धाराओं में एफआईआर दर्ज की। इसके अलावा प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया और संवेदनशील क्षेत्रों में भारी पुलिस तैनाती के साथ ड्रोन निगरानी शुरू की। नगर निगम ने प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की सफाई कार्यवाही भी तेज कर दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बरेली हिंसा धार्मिक भावनाओं, सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने वाली खबरों और स्थानीय नेताओं के आह्वानों का परिणाम है। मौलाना तौकीर रजा खान की नजरबंदी और संभावित गिरफ्तारी से प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
इस घटना ने न केवल बरेली बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में धार्मिक सौहार्द और सार्वजनिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन स्थिति को नियंत्रित रखने और भविष्य में ऐसे विवादों को रोकने के लिए लगातार सतर्क है।
