संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत और पाकिस्तान के बीच जुबानी जंग एक बार फिर तेज हो गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने अपने भाषण में ऑपरेशन ‘सिंदूर’ को लेकर भारत पर कई तरह के आरोप लगाए। उन्होंने इस सैन्य अभियान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश की। लेकिन भारत ने तुरंत इसका कड़ा जवाब देते हुए इन आरोपों को “खोखले और तथ्यहीन” करार दिया। भारत ने साफ कहा कि पाकिस्तान चाहे कितने भी मंचों पर बयानबाजी करे, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकी ही पाकिस्तान की असलियत उजागर करने के लिए काफी हैं।
भारत की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन की पहली सचिव पेटल गर्लॉट ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार झूठे दावे करके अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की कोशिश करता है। उन्होंने दो टूक कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद केवल उन आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करना था, जो भारत पर हमले की साजिश रच रहे थे। यह अभियान आतंकवाद-निरोधी कार्रवाई थी, जिसमें नागरिक या गैर-संबंधित ठिकानों को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया गया।
भारत ने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि आतंकियों के ठिकानों पर हुई कार्रवाई इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान लगातार आतंकी संगठनों को पनाह और सहयोग देता रहा है। भारतीय पक्ष के अनुसार ऑपरेशन के बाद कई आतंकी संगठन दबाव में आकर अपनी गतिविधियाँ बदलने पर मजबूर हुए और कुछ ने अपने ठिकाने सीमा से अंदर की ओर खिसका लिए। यह स्पष्ट करता है कि उनके नेटवर्क पर करारी चोट पहुँची है।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि पाकिस्तान के खोखले बयानों पर विश्वास करने के बजाय उस पर दबाव बनाया जाए कि वह अपने यहाँ पल रहे आतंकियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए। भारत ने यह भी कहा कि भाषण और वादों से समस्या का समाधान नहीं होगा, असली बदलाव तभी आएगा जब पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियों को त्यागकर जिम्मेदारी निभाएगा।
