बिहार में उर्वरक की कालाबाजारी पर सख्त सरकार, 56 प्रतिष्ठानों पर प्राथमिकी दर्ज – डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा

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पटना: राज्य के किसानों को शारदीय (खरीफ) 2025 सीजन में उर्वरक की कमी न हो, इसके लिए बिहार सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट कहा कि “उर्वरक की कालाबाजारी एवं अधिक मूल्य पर बिक्री किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

उन्होंने जानकारी दी कि अब तक उर्वरक वितरण में अनियमितता पाए जाने पर 56 प्रतिष्ठानों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा 276 प्रतिष्ठानों का लाइसेंस रद्द कर कठोर कार्रवाई की गई है।

जिलेवार निगरानी और छापेमारी दल…

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि जिला एवं प्रखंड स्तर पर उर्वरक निगरानी समितियों की नियमित बैठकें अनिवार्य रूप से आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। प्रत्येक प्रतिष्ठान पर पॉस मशीन में प्रदर्शित मात्रा और वास्तविक स्टॉक का मिलान कर पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है।

इसके साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों में विशेष छापामारी दल गठित किए गए हैं, जो सशस्त्र सीमा बल के सहयोग से उर्वरक की तस्करी पर प्रभावी रोक लगा रहे हैं।

राज्य में पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध…

भारत सरकार द्वारा खरीफ 2025 के लिए बिहार को 10.32 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 2.20 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 2.50 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.50 लाख मीट्रिक टन एमओपी तथा 0.75 लाख मीट्रिक टन एसएसपी की आवश्यकता तय की गई है।

विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि 26 सितम्बर 2025 तक राज्य में 1.41 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 1.64 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 2.19 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.62 लाख मीट्रिक टन एमओपी तथा 1.02 लाख मीट्रिक टन एसएसपी का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है।

किसानों को आश्वासन…

डिप्टी सीएम ने किसानों को आश्वस्त किया कि पूरे राज्य में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। सरकार लगातार निगरानी कर रही है ताकि समय पर किसानों को आवश्यक उर्वरक मिले और उनकी फसलों की उत्पादकता प्रभावित न हो।

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