विदेशी फंडिंग विवाद: लद्दाख में सोनम वांगचुक के संस्थान SECMOL की सीबीआई जांच जारी

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लेह, लद्दाख – प्रसिद्ध शिक्षाविद और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के संस्थान ‘Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh’ (SECMOL) अब सीबीआई (CBI) की जांच के दायरे में है। आरोप है कि इस संस्थान ने विदेश से फंड जुटाने के लिए आवश्यक अनुमति के बिना धन प्राप्त किया, जो भारतीय कानूनों का उल्लंघन माना जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, SECMOL ने विदेशी दानदाताओं से धनराशि प्राप्त की, जबकि भारतीय दान और विदेशी योगदान (FCRA) अधिनियम के तहत ऐसा करने से पहले गृह मंत्रालय से अनुमति लेना अनिवार्य है। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि संस्थान ने FCRA के नियमों का पालन नहीं किया।

सीबीआई ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तफ्तीश शुरू कर दी है। जांच एजेंसी संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा कर रही है और संस्थान के अधिकारियों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या फंडिंग की प्रक्रिया पूरी तरह से कानूनी थी या नहीं।

इस मामले पर सोनम वांगचुक ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य हमेशा से लद्दाख के बच्चों की शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देना रहा है। उन्होंने आरोपों को निराधार बताया और कहा कि उनका संस्थान हमेशा से पारदर्शिता और कानूनी नियमों का पालन करता आया है। वांगचुक ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में पूरी तरह सहयोग करेंगे और सत्य सामने आने में मदद करेंगे।

स्थानीय समुदाय में इस मामले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कई लोग SECMOL के काम को सराहते हैं और इसे लद्दाख की शिक्षा और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। वहीं, कुछ लोग आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जांच की मांग कर रहे हैं और चाहते हैं कि नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया जाए।

जांच के नतीजे आने में समय लग सकता है, लेकिन यह मामला लद्दाख में शिक्षा, संस्कृति और विदेशी फंडिंग की पारदर्शिता पर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म दे सकता है। अब यह देखना बाकी है कि जांच के बाद क्या निष्कर्ष निकलते हैं और SECMOL को किसी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है या नहीं।

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