जम्मू-कश्मीर पुलिस की बड़ी कामयाबी, पहलगाम हमले का सहयोगी गिरफ्तार

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जम्मू-कश्मीर पुलिस और एनआईए को पहलगाम आतंकी हमले की जांच में बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षा एजेंसियों ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने आतंकियों को हमले के दौरान मदद और पनाह दी थी।

सूत्रों के मुताबिक, आरोपी “ओवरग्राउंड वर्कर” (OGW) के रूप में काम कर रहा था और उसने तीन आतंकियों को बैसरन घाटी में शरण दी थी। इसी जगह पर हमला अंजाम दिया गया था।

एनआईए ने गिरफ्तारी के बाद बिहार के कटिहार समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की है। जांच एजेंसियों को शक है कि इस नेटवर्क में और लोग भी शामिल हैं। वहीं, गवाहों ने खुलासा किया है कि हमला करने के बाद आतंकियों ने हवा में फायरिंग कर जश्न भी मनाया।

पहलगाम हमले के आतंकियों से बदला लेने के लिए जुलाई में ऑपरेशन महादेव चलाया गया था। 28 जुलाई को इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने लश्कर के तीन आतंकियों- सुलेमान, अफगान और जिब्रान को मार गिराया, जिससे यह पुष्टि हो गई कि हमले के पीछे लश्कर का ही हाथ था। टीआरफ लश्कर का ही एक आतंकी संगठन है। उस समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दिए अपने संबोधन में कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव के माध्यम से प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत के सुरक्षा बलों ने दुनिया में किसी भी आतंकवादी हमले के बाद अब तक की सबसे सटीक और त्वरित प्रतिक्रिया दी है।

इस हमले में कई लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे। जम्मू-कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और घायलों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

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