राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अमेरिका में बसे और भारत में प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) के जनरल काउंसल गुरपवंत सिंह पन्नू के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है। एजेंसी के मुताबिक, पन्नू ने 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लालकिले पर तिरंगा फहराने से रोकने की खुलेआम धमकी दी थी। इतना ही नहीं, उन्होंने इसके लिए 11 करोड़ रुपये तक के इनाम की घोषणा भी की थी। इस बयान को भारत की संप्रभुता और अखंडता पर सीधा हमला माना गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पन्नू ने यह बयान एक वीडियो संदेश और अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिए अपने संबोधन में दिया था। इसमें उन्होंने कथित तौर पर भारतीय सेना और खासकर सिख सैनिकों को उकसाते हुए कहा कि वे स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले लालकिले के कार्यक्रम को रोकें। NIA ने इस बयान को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा मानते हुए मामला दर्ज किया है। एजेंसी ने स्पष्ट किया कि इस तरह की घोषणाएँ केवल जनता को भड़काने और देश में अशांति फैलाने के उद्देश्य से की जाती हैं।
गौरतलब है कि गुरपवंत सिंह पन्नू लंबे समय से खालिस्तान आंदोलन को हवा देने की कोशिश कर रहे हैं। वे अमेरिका में बसे हुए हैं और वकालत के पेशे से जुड़े रहे हैं। भारत सरकार ने उनके संगठन SFJ को 2019 में गैरकानूनी घोषित कर दिया था, जबकि पन्नू को 2020 में व्यक्तिगत तौर पर आतंकवादी घोषित किया गया था। SFJ लगातार भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है और कथित ‘जनमत संग्रह’ के नाम पर कई देशों में कार्यक्रम आयोजित करता रहा है।
NIA ने दर्ज की गई एफआईआर में पन्नू पर देश की संप्रभुता को चुनौती देने, अलगाववादी विचारधारा फैलाने, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और हिंसा के लिए उकसाने के आरोप लगाए हैं। जांच एजेंसी अब इस मामले में पन्नू के नेटवर्क, उनके सहयोगियों और उनकी गतिविधियों की गहन जांच कर रही है। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उनके बयान और इनाम की घोषणा के पीछे कोई संगठित योजना थी या यह केवल प्रचार का हिस्सा था।
पन्नू के खिलाफ पहले भी भारत में कई केस दर्ज किए जा चुके हैं। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा और पंजाब पुलिस ने भी उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पन्नू और SFJ जैसे संगठन विदेशों से बैठकर भारत में अस्थिरता फैलाने और युवाओं को भड़काने की कोशिश करते हैं। इसी वजह से उनके बयानों और गतिविधियों को गंभीरता से लिया जा रहा है।
फिलहाल, NIA की जांच जारी है और एजेंसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग ले रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पन्नू के खिलाफ और सबूत जुटाकर चार्जशीट दाखिल की जाएगी। यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि भारत के खिलाफ चल रही एक संगठित साजिश के खुलासे की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
