उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में छह महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। इन फैसलों से राज्य के विकास, किसानों की स्थिति और शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
इस नीति के तहत 91,000 किसानों को 22,750 हेक्टेयर भूमि पर अरोमैटिक (सगंध) पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। एक हेक्टेयर तक लगाने पर 80% और इससे अधिक भूमि पर 50% तक सब्सिडी दी जाएगी। इससे किसानों की आय में वृद्धि और रोजगार सृजन की संभावना है।
उत्तराखंड कारागार के ढांचे का पुनर्गठन किया गया है। इसमें 27 स्थायी पद सृजित किए गए हैं, जबकि अन्य पद आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरे जाएंगे। यह सुधार विभाग की कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक होगा।
रुद्रपुर में पीएम आवास योजना के तहत बनाए जा रहे 1,872 ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) भवनों के निर्माण के लिए राज्य सरकार अतिरिक्त ₹27 करोड़ की सहायता प्रदान करेगी।
दूरदर्शन के माध्यम से शिक्षा प्रसारण के लिए आठ नए पदों की स्वीकृति दी गई है। यह कदम उन छात्रों के लिए लाभकारी होगा जो किसी कारणवश कक्षा में उपस्थित नहीं हो पाते।
उत्तराखंड राजकीय प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली के तहत, 17 सितंबर 2017 से मार्च 2019 तक के दूरस्थ शिक्षा से डीएलएड पास युवाओं को आउटसोर्सिंग के माध्यम से विशेष शिक्षा के पदों पर अवसर मिलेगा। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के टीईटी अनिवार्यता के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।
समाज कल्याण विभाग के तहत, दिव्यांग से विवाह करने पर मिलने वाला अनुदान ₹25,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया गया है। यह निर्णय समाज में समानता और समर्थन को बढ़ावा देगा।
इन फैसलों से राज्य में कृषि, शिक्षा, सामाजिक कल्याण और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है।
