काठमांडू/बहराइच: भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सख्ती बढ़ा दी गई है। सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (SSB) के जवान काली घनेरी रातों में भी पगडंडियों पर गश्त कर रहे हैं। कई ऐसे इलाकों में, जहाँ न तो पर्याप्त रोशनी है और न ही पक्का रास्ता, वहां भी जवान चौकसी से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। यह अभियान विशेष रूप से तस्करी, अवैध आवाजाही और सुरक्षा खतरों पर रोक लगाने के लिए चलाया जा रहा है।
🌙 अंधेरे में भी सतर्कता…
सीमा क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि कई बार रात में आने-जाने वाले लोगों की गतिविधियों पर नजर रखना मुश्किल हो जाता है। लेकिन एसएसबी जवानों ने ऐसी जगहों पर भी गश्त शुरू कर दी है, जहाँ सामान्य सुरक्षा व्यवस्था कमजोर पड़ जाती है। जवान पैदल चलकर, टॉर्च और थर्मल डिवाइस की मदद से, जंगलों और खेतों की पगडंडियों की निगरानी कर रहे हैं।
🚨 तस्करी और अवैध गतिविधियों पर लगाम…
सीमा पार से आने वाले अवैध सामान, नशीले पदार्थ और नकली दस्तावेजों की तस्करी को रोकने के लिए यह गश्त आवश्यक मानी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय अपराधी गिरोह रात के समय पगडंडियों का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में एसएसबी की सतर्कता से बड़ी घटनाओं को रोका जा सकता है।
👮♂️ स्थानीय सहयोग और विश्वास…
जवानों द्वारा की जा रही इस गश्त से स्थानीय लोगों में सुरक्षा को लेकर विश्वास बढ़ा है। कई गाँवों के लोगों ने एसएसबी के साथ मिलकर “ग्रामीण निगरानी अभियान” शुरू किया है। बच्चे, महिलाएं और बुज़ुर्ग भी इस अभियान में सहयोग कर रहे हैं ताकि सीमा क्षेत्र सुरक्षित बना रहे।
🌾 सीमा क्षेत्र में विकास की उम्मीद…
सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ एसएसबी जवान स्वास्थ्य शिविर, नशामुक्ति अभियान और जागरूकता कार्यक्रम भी चला रहे हैं। अधिकारी मानते हैं कि सुरक्षा और विकास साथ-साथ चलें तभी सीमा क्षेत्र में स्थायी शांति और समृद्धि लाई जा सकती है।
नेपाल के साथ साझा सुरक्षा प्रयास…
भारत और नेपाल के बीच खुले सीमा क्षेत्र में सहयोग को लेकर विशेष बैठकें भी की जा रही हैं। दोनों देशों के सुरक्षा बल आपसी समन्वय बढ़ाकर अपराध नियंत्रण और मानव तस्करी रोकने में साझा प्रयास कर रहे हैं।
सीमा पर जागरूकता ही सुरक्षा…
एसएसबी का मानना है कि सुरक्षा सिर्फ जवानों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि स्थानीय लोगों की सहभागिता से ही सीमा पर शांति कायम रह सकती है। जवानों का यह अभियान न केवल अपराधियों के लिए चेतावनी है, बल्कि सीमा क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के लिए भरोसे का प्रतीक भी बन चुका है।
