नेपाल के रामेछाप जिला जेल में रविवार को बड़ा बवाल देखने को मिला। यहां कैदियों ने जेल तोड़कर भागने की कोशिश की। कैदियों ने पहले आंतरिक ताले तोड़े और फिर मुख्य दरवाज़े को खोलने का प्रयास किया। हालात बिगड़ते देख सेना को गोलीबारी करनी पड़ी, जिसमें 12 से 13 कैदी घायल हो गए। देश में चल रहे Gen-Z आंदोलन के बीच हाल ही में जेल तोड़ने की घटनाओं में तेजी आई है। इस ताज़ा घटना के बाद जेल परिसर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।
नेपाल में जारी आंदोलन के उग्र रूप ने हालात और भी तनावपूर्ण बना दिए हैं। शुक्रवार तक कर्फ्यू बढ़ा दिया गया है, लेकिन इसी बीच रामेछाप जिला जेल से चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां बड़ी संख्या में कैदियों ने भागने की कोशिश की। हालात बेकाबू होते देख सेना को हस्तक्षेप करना पड़ा और गोलीबारी करनी पड़ी। काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार सुबह हुई इस घटना में करीब 12 से 13 कैदी गोली लगने से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि कैदियों ने पहले आंतरिक ताले तोड़े और फिर मुख्य दरवाज़ा खोलकर बाहर निकलने की कोशिश की। सेना और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से बड़ी वारदात टल गई।
प्रदर्शन के बीच जेल तोड़ने की घटना बढ़ी….
बताया जा रहा है कि बुधवार शाम जारी एक प्रारंभिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि नेपाल के इतिहास में सबसे बड़ी जेल ब्रेक घटना में देश भर की 25 से अधिक जेलों से 15,000 से अधिक कैदी भाग गए। अभी तक की जानकारी के अनुसार, केवल कुछ कैदी ही स्वेच्छा से वापस लौटे हैं या फिर सेना ने फिर से एक बार पकड़ा है।
नेपाल में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद शुरू हुए Gen-Z प्रदर्शनों ने पूरे देश को हिला दिया है। बीते दिनों सरकार ने 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन लगाया था, जिसके खिलाफ युवाओं का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। देखते ही देखते संसद भवन से लेकर कई सरकारी इमारतें आग के हवाले कर दी गईं।
तेज़ी से बेकाबू होते हालात के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अब स्थिति संभालने के लिए सेना को मोर्चा संभालना पड़ा है।
पिछले 48 घंटों में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 30 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1000 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। नेपाली सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, हालात काबू में लाने के लिए राजधानी काठमांडू समेत कई बड़े शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है, जो शुक्रवार सुबह तक प्रभावी रहेगा।
