जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश ने एक बड़ा हादसा खड़ा कर दिया है। कटरा से वैष्णो देवी मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर मंगलवार दोपहर अर्धकुंवारी के पास भूस्खलन हुआ, जिसमें अब तक 30 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हो चुकी है। यह जानकारी रीासी के एसएसपी परमवीर सिंह ने मीडिया को दी है। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और प्रशासन ने तुरंत यात्रा को स्थगित कर दिया।
कैसे हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक मंगलवार दोपहर लगभग 3 बजे अर्धकुंवारी क्षेत्र में इंदरप्रस्थ भोजनालय के पास पहाड़ी दरक गई। अचानक हुए भूस्खलन की चपेट में कई लोग और ढांचे आ गए। शुरुआती रिपोर्टों में 5 मौतें और 14 लोग घायल बताए गए थे, लेकिन देर रात तक जारी राहत व बचाव कार्य में मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 30 तक पहुँच गया।
प्रशासन की कार्रवाई
हादसे के तुरंत बाद माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुट गईं। श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। प्रशासन ने हालात सामान्य होने तक यात्रा पर रोक लगा दी है।
सुरक्षा और आपदा-प्रबंधन टीमों के साथ-साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ भी राहत अभियान में शामिल हैं। लगातार बारिश से बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं, लेकिन प्रशासन लगातार प्रयासरत है।
रेल और सड़क यातायात प्रभावित
भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से जम्मू-कटरा रेल मार्ग पर भी असर पड़ा है। नॉर्दर्न रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है और कुछ को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है। कुल मिलाकर 18 से 22 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा कटरा और आसपास के क्षेत्रों में सड़कों पर मलबा आने से यातायात ठप पड़ा है।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जम्मू-कश्मीर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटों में कई इलाकों में भारी से अति-भारी बारिश की आशंका जताई गई है। विभाग ने लोगों को पहाड़ी ढलानों, नालों और पुलों के पास न जाने की सलाह दी है।
यात्रियों के लिए एडवाइजरी
जब तक प्रशासन की ओर से आधिकारिक घोषणा न हो, वैष्णो देवी यात्रा पर न निकलें।
ट्रेन व उड़ान सेवाओं की जानकारी नॉर्दर्न रेलवे और एयरलाइंस की वेबसाइट पर चेक करें, क्योंकि कई सेवाएँ बाधित हैं।
भारी बारिश के दौरान जोखिम वाले क्षेत्रों में रुकने से बचें और केवल प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।
क्यों अहम है यह घटना
वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे बड़े और भीड़भाड़ वाले तीर्थस्थलों में से एक है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं। ऐसे में भूस्खलन जैसी घटनाएँ न सिर्फ़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती हैं, बल्कि तीर्थस्थल के बुनियादी ढांचे और आपदा प्रबंधन की मजबूती की भी परीक्षा लेती हैं। फिलहाल प्रशासन की प्राथमिकता श्रद्धालुओं की सुरक्षा, राहत-बचाव कार्य और मार्ग की बहाली पर है।
