उत्तराखंड कैबिनेट: अग्निवीरों को संविदा पदों पर आरक्षण, धर्मांतरण कानून पर और सख्ती

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देहरादून, 13 अगस्त 2025 — उत्तराखंड सरकार ने राज्य हित में दो अहम कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को घोषणा की कि अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को राज्य सरकार की संविदा भर्ती में आरक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही धर्मांतरण से जुड़े मामलों पर कानून को और सख्ती से लागू करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

अग्निवीरों को मिलेगा आरक्षण

सरकार के प्रस्ताव के अनुसार, अग्निवीरों को पुलिस, परिवहन, वन विभाग और अन्य सरकारी विभागों में संविदा आधार पर भर्ती के दौरान 10% क्षैतिज आरक्षण देने की योजना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह कदम युवाओं को सैन्य सेवा के बाद नागरिक जीवन में रोज़गार के अवसर प्रदान करेगा। प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा।

धर्मांतरण कानून पर कड़ा रुख

मुख्यमंत्री ने धर्मांतरण से संबंधित मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस और प्रशासन को संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने, पहचान पत्रों की जांच तेज करने और सभी मामलों की रिपोर्ट देने को कहा गया है। यह कार्रवाई उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2022 के तहत की जा रही है, जिसके अंतर्गत जबरन, धोखे से या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन को अपराध माना गया है।

सरकार का उद्देश्य

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अग्निवीर आरक्षण नीति का उद्देश्य युवाओं को सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध कराना है, जबकि धर्मांतरण कानून का सख्त पालन राज्य की सांस्कृतिक और सामाजिक संतुलन को बनाए रखने के लिए जरूरी है। साथ ही, सीमावर्ती क्षेत्रों में किसी भी तरह की संदिग्ध धार्मिक गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाई जाएगी।

आगे की राह

अग्निवीर आरक्षण प्रस्ताव के तकनीकी पहलुओं को तैयार करने के बाद इसे औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा। वहीं, धर्मांतरण मामलों में निगरानी, जांच और जागरूकता अभियान तेज करने की योजना है। यदि जरूरत पड़ी तो कानून में और संशोधन पर भी विचार किया जा सकता है।

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