नई दिल्ली, 10 अगस्त 2025 — प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में जमीन सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि वाड्रा ने इस सौदे से करीब ₹58 करोड़ की अवैध कमाई की।
ईडी का दावा — कम दाम पर खरीदी, ऊंचे दाम पर बिक्री
चार्जशीट के अनुसार, वाड्रा की कंपनी Skylight Hospitality Pvt. Ltd. ने 3.5 एकड़ जमीन वास्तविक बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर खरीदी और बाद में इसे एक बड़ी रियल एस्टेट कंपनी को ऊंची कीमत पर बेच दिया। इस लेन-देन से प्राप्त लाभ को ईडी ने “अपराध से अर्जित धन” (proceeds of crime) करार दिया है।
एजेंसी का कहना है कि बिक्री के दस्तावेजों में भुगतान प्रक्रिया और स्टाम्प ड्यूटी के संबंध में भी कथित गड़बड़ी की गई।
लेन-देन और रकम का ब्योरा
कुल अवैध लाभ: लगभग ₹58 करोड़
कंपनियां शामिल: Skylight Hospitality, Blue Bridge Trading और अन्य
रकम का उपयोग: संपत्ति खरीद, निवेश और कुछ कर्ज चुकाने में
जांच में जमीन की म्यूटेशन, री-अलॉटमेंट और भुगतान प्रक्रिया की भी जांच हुई
मामले की पृष्ठभूमि
2012: IAS अधिकारी अशोक खेमका ने इस जमीन सौदे की म्यूटेशन रद्द की थी, जिससे विवाद की शुरुआत हुई।
बाद के साल: सीबीआई और ईडी ने अलग-अलग जांच शुरू की।
ईडी कार्रवाई: पहले भी वाड्रा से जुड़ी संपत्तियों की अटैचमेंट (₹37–43 करोड़ मूल्य) की जा चुकी है।
वाड्रा और कांग्रेस का रुख
रॉबर्ट वाड्रा ने सभी आरोपों को राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए खारिज किया है। उनका कहना है कि वह हमेशा जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करते रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी का भी कहना है कि यह मामला विपक्ष को निशाना बनाने के लिए उठाया गया है और इसका कोई ठोस कानूनी आधार नहीं है।
आगे की कानूनी प्रक्रिया
चार्जशीट पर पीएमएलए की विशेष अदालत विचार करेगी। अगर अदालत चार्जशीट स्वीकार करती है, तो आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू होगी और गवाहों के बयान व सबूतों के आधार पर सुनवाई आगे बढ़ेगी।
