बिहार में SIR विवाद पर संसद में संग्राम: विपक्ष ने संसद के बाहर किया जोरदार प्रदर्शन, 65 लाख नाम हटाने का लगाया आरोप

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नई दिल्ली, 7 अगस्त 2025:

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान को लेकर सियासी घमासान थमता नजर नहीं आ रहा है। विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन ने बुधवार को संसद भवन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया से छेड़छाड़ का आरोप लगाया।

विपक्ष का दावा है कि SIR प्रक्रिया के तहत बिहार की मतदाता सूची से लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए, जिनमें बड़ी संख्या में कमजोर, वंचित और अल्पसंख्यक वर्गों के लोग शामिल हैं। विपक्ष का आरोप है कि यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने के इरादे से उठाया गया है।

संसद के अंदर और बाहर हंगामा

संसद के मानसून सत्र के दौरान भी इस मुद्दे पर लगातार हंगामा देखने को मिला। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों की कार्यवाही SIR मुद्दे पर विपक्ष के विरोध के कारण बाधित हुई। विपक्ष ने सरकार से SIR पर विस्तृत चर्चा की मांग की, लेकिन सरकार ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के उपसभापति को पत्र लिखकर SIR मुद्दे पर चर्चा की अनुमति देने की मांग की। उन्होंने इसे “जनता के मतदान अधिकारों का उल्लंघन” बताया और कहा कि संसद इस विषय को नजरअंदाज नहीं कर सकती।

ADR और सिविल सोसाइटी की चिंता

चुनाव सुधार से जुड़ी संस्था ADR (Association for Democratic Reforms) के संस्थापक जगदीप छोकर ने SIR अभियान पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे दलित, आदिवासी और मुस्लिम समुदाय सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।

सरकार का पक्ष

सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में कहा कि चूंकि मामला न्यायिक प्रक्रिया में है, इसलिए संसद में इस पर चर्चा नहीं की जा सकती। उन्होंने आरोपों को राजनीतिक करार देते हुए कहा कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया पूरी तरह कानूनी ढंग से संचालित की जा रही है।

प्रमुख घटनाक्रम (Timeline):

तारीख घटनाक्रम

31 जुलाई 2025 लोकसभा में SIR मुद्दे पर भारी हंगामा, कार्यवाही बाधित

1 अगस्त 2025 बिहार में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने ‘वोट अधिकार यात्रा’ की शुरुआत की

5-7 अगस्त 2025 संसद परिसर में विपक्ष का विरोध प्रदर्शन, राज्यसभा में भी चर्चा की मांग

विपक्ष की मांगें:

चुनाव आयोग SIR की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाए

हटाए गए मतदाता नामों की सार्वजनिक समीक्षा हो

संसद में SIR पर तत्काल चर्चा कराई जाए

न्यायिक निगरानी में मतदाता सूची की पुनः समीक्षा हो

निष्कर्ष:

बिहार में मतदाता सूची को लेकर शुरू हुआ विवाद अब राष्ट्रीय सियासत का मुद्दा बन गया है। विपक्ष जहां इसे जनता के अधिकारों का हनन बता रहा है, वहीं सरकार इसे चुनाव आयोग की नियमित प्रक्रिया कह रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी तूल पकड़ सकता है।

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