बिहार चुनाव से पहले बड़ा खुलासा: वोटर लिस्ट से नेपाल कनेक्शन वाले नाम हटे

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मुख्य बिंदु:

बिहार में 65.64 लाख मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए

पटना, मधुबनी, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में सबसे ज्यादा नाम कटे

SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत लिस्ट अपडेट

सीमांचल में नेपाल कनेक्शन के चलते सैकड़ों नाम हटाए गए

अंतिम सूची 30 सितंबर को जारी होगी, आपत्तियां 1 सितंबर तक स्वीकार

क्या है SIR प्रक्रिया और क्यों हो रही है चर्चा?

चुनाव आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR – Special Intensive Revision) किया गया। इसका उद्देश्य मृतकों, दोहराए गए, प्रवासी और अपात्र मतदाताओं के नाम हटाकर लिस्ट को पारदर्शी बनाना था।इस प्रक्रिया में 80% से अधिक मतदाताओं से डाटा वेरिफिकेशन फॉर्म भरवाया गया। BLO (बूथ लेवल अधिकारी) द्वारा सत्यापन के बाद करीब 65.64 लाख नाम ड्राफ्ट लिस्ट से हटाए गए।

कहां सबसे ज्यादा वोटर नाम हटा?

जिला/क्षेत्र हटाए गए नाम (लगभग)

पटना 3.95 लाख मधुबनी 3.52 लाख पूर्वी चंपारण 3.17 लाख गोपालगंज 3.10 लाख सीमांचल (4 जिले) 7.62 लाख सीमांचल के चार जिलों—अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार—में औसत 9.8% नाम हटाए गए, जो राज्य औसत 8.3% से ज्यादा है।

नेपाल कनेक्शन: सीमांचल में विदेशी वोटर की पहचान

BLO द्वारा सत्यापन के दौरान पता चला कि कुछ मतदाता नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार जैसे देशों से थे। कुछ महिलाएं विवाह के बाद भारत आई थीं, लेकिन उनके पास नागरिकता का वैध प्रमाण नहीं था।नेपाल सीमा से लगे इलाकों में संदिग्ध विदेशी मतदाताओं के नाम हटाए गए, जिससे यह मुद्दा और भी संवेदनशील बन गया है।

तेजस्वी यादव और विपक्ष ने उठाए सवाल

RJD नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका खुद का नाम ड्राफ्ट लिस्ट से गायब है, जबकि उनके पास EPIC कार्ड मौजूद है। उन्होंने इस प्रक्रिया को “राजनीतिक पक्षपात” करार दिया और चुनाव आयोग से पारदर्शिता की मांग की।हालांकि, चुनाव आयोग का कहना है कि प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी रही, और 24 घंटे में किसी भी दल ने लिखित आपत्ति दर्ज नहीं की।

 नाम कटने के कारण

1. मृतक मतदाता – 22.34 लाख

2. प्रवासी मतदाता – 36.28 लाख

3. दोहरे/फर्जी नाम – 7 लाख+

4. विदेशी नागरिकता का संदेह – नेपाल व सीमांचल क्षेत्रों में सैकड़ों

 अब क्या करें यदि आपका नाम कट गया है?

अपने निर्वाचन क्षेत्र की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट ऑनलाइन या बूथ कार्यालय में देखें

नाम कटने की स्थिति में फॉर्म-6 भरें और आधार/पहचान प्रमाण दें

आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तारीख: 1 सितंबर 2025

अंतिम मतदाता सूची: 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित होगी

निष्कर्ष

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में इतने बड़े पैमाने पर बदलाव से सियासी माहौल गर्मा गया है। सीमांचल व नेपाल सीमा से सटे इलाकों में विदेशी वोटर की पहचान ने इस प्रक्रिया को और भी संवेदनशील बना दिया है।राजनीतिक दल जहां इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं चुनाव आयोग इसे चुनावी शुद्धिकरण की दिशा में बड़ा कदम बता रहा है।

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