नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के अध्यक्ष, श्री केशव चंद्रा ने आज न्यू मोती बाग को एनडीएमसी क्षेत्र में पाँचवीं अनुपम कॉलोनी घोषित किया। यह एक आवासीय परिसर है, जिसे अब सतत और आत्मनिर्भर अपशिष्ट प्रबंधन के एक आदर्श के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है।
न्यू मोती बाग ने 100% कूड़े को स्रोत स्थल पर ही पृथक्करण का दर्जा हासिल कर लिया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक परिवार ज़िम्मेदार अपशिष्ट प्रबंधन में सक्रिय रूप से भाग ले रहे है। यह कॉलोनी एक पूर्णतः एकीकृत वृत्ताकार अपशिष्ट प्रबंधन पारिस्थितिकी तंत्र का प्रतिनिधित्व करती है, जहाँ परिसर के भीतर हर प्रकार के अपशिष्ट का वैज्ञानिक रूप से प्रसंस्करण और पुन: उपयोग किया जाता है।
इस अवसर पर बोलते हुए, एनडीएमसी अध्यक्ष ने स्वच्छ, हरित और आत्मनिर्भर नई दिल्ली के एनडीएमसी के दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में निवासियों और आरडब्ल्यूए के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की।
एनडीएमसी के अध्यक्ष – श्री चंद्रा ने बताया कि नागरिक भागीदारी को और मज़बूत करने और ज़िम्मेदारी से निपटान प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करने के लिए, कॉलोनी में एक आरआरआर (रिड्यूस, रीयूज़, रीसाइकल) केंद्र स्थापित किया गया है, जहाँ निवासी कपड़े, किताबें और घरेलू सामान जैसी वस्तुओं को दोबारा इस्तेमाल के लिए दान कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, प्लास्टिक की बोतलों को वापस करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु एक प्लास्टिक वेस्ट वेंडिंग मशीन भी लगाई गई है, जिससे कचरे को सचेत रूप से अलग करने और स्रोत पर ही रीसाइक्लिंग की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।
श्री चंद्रा ने आगे बताया कि इन सुविधाओं का प्रबंधन और संचालन करने वाले कर्मचारियों और सफ़ाई कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और योगदान के सम्मान में, साइट पर स्थित अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाइयों में काम करने वाले कर्मचारियों को मिठाइयाँ वितरित की गईं, जिससे उद्घाटन समारोह में उत्सव और कृतज्ञता का भाव जुड़ गया।
यहाँ घरों से निकलने वाले गीले कचरे को एक ऑर्गेनिक वेस्ट कन्वर्टर (OWC) में उपचारित करके खाद बनाई जाती है, जिसका उपयोग कॉलोनी के पार्कों और हरित क्षेत्रों के रखरखाव में किया जाता है। सूखे पत्तों और छंटाई जैसे बागवानी कचरे को पर्यावरण के अनुकूल ब्रिकेट में बदला जाता है, जिससे कचरे से संपत्ति बनाने का एक मॉडल तैयार होता है। सूखे कचरे को इन-हाउस मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) में छांटा जाता है, जिससे कूड़े का कुशल पृथक्करण और पुनर्चक्रण संभव होता है।
न्यू मोतीबाग कॉलोनी ने अन्य सतत विकास पहलों को भी अपनाया है, जैसे वर्षा जल संचयन प्रणाली और जल पुनर्चक्रण के लिए एक ऑन-साइट सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), जिससे न्यू मोती बाग एक “सतत कॉलोनी” का एक सच्चा उदाहरण बन गया है।
न्यू मोती बाग के अनुपम कॉलोनी के उद्घाटन के साथ, एनडीएमसी ऐसी आदर्श कॉलोनियाँ बनाने के अपने मिशन को आगे बढ़ा रही है जो सतत व्यवहार को प्रेरित करें और एनडीएमसी को एक आदर्श राजधानी शहर बनाने के व्यापक उद्देश्यों में योगदान दें।
न्यू मोती बाग के रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए), विशेष रूप से श्री सुधांशु पांडे, सेवानिवृत्त आईएएस, (सचिव, स्थानीय -आरडब्ल्यूए) की इस कॉलोनी को शहरी स्थिरता के लिए एक मानक में बदलने में उनके समर्पित प्रयासों और सहयोग के लिए विशेष सराहना की गई।
इससे पहले, एनडीएमसी ने चार आवासीय परिसरों – डी1, डी2 और सत्य सदन ऑफिसर्स फ्लैट्स, भारती नगर, आराधना (बर्मा शेल कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड) और बापू धाम – को “अनुपम कॉलोनी” की मान्यता प्रदान की थी, जो सभी पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार जीवन जीने के आदर्श हैं।
