बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग की टीम दो दिवसीय दौरे पर पटना पहुंची, जहां मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों, सुरक्षा एजेंसियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ अहम बैठकों का आयोजन किया। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि आयोग का मकसद राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराना है, जिसके लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि आयोग ने चुनावी सुरक्षा व्यवस्था, लॉजिस्टिक्स और मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में संपन्न हुए “विशेष गहन पुनरीक्षण” (Special Intensive Revision) से मतदाता सूची की विश्वसनीयता में काफी सुधार हुआ है, और राजनीतिक दलों ने भी इस प्रक्रिया की सराहना की है। ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि आयोग मतदाता सूची से जुड़ी सभी शिकायतों का गंभीरता से संज्ञान ले रहा है और किसी भी पात्र मतदाता को मतदान से वंचित नहीं होने दिया जाएगा।
हालांकि, उन्होंने चुनाव की तारीखों को लेकर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की। उनका कहना था कि तारीखों का निर्धारण राज्य में चल रही तैयारियों, सुरक्षा व्यवस्था, त्योहारों—विशेषकर छठ पर्व—और मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। उन्होंने यह संकेत अवश्य दिया कि चुनाव कार्यक्रम का ऐलान बहुत जल्द किया जा सकता है।
राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठक में कई सुझाव सामने आए। भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने एक या दो चरणों में मतदान कराने की मांग की ताकि प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था सुचारू रहे, वहीं कांग्रेस और राजद सहित कुछ अन्य दलों ने दो चरणों में मतदान की वकालत की। कई दलों ने आग्रह किया कि चुनाव की तिथि छठ पर्व के बाद रखी जाए ताकि प्रवासी मतदाता भी मतदान में हिस्सा ले सकें और मतदान प्रतिशत बढ़े। आयोग ने सभी दलों की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि अंतिम निर्णय सभी पक्षों को संतुलित रखते हुए लिया जाएगा।
कांग्रेस और विपक्षी दलों ने मतदाता सूची में कुछ गड़बड़ियों का मुद्दा उठाया, जिस पर आयोग ने जवाब दिया कि सभी त्रुटियों को सुधारा जा रहा है और कोई भी मतदाता अन्याय का शिकार नहीं होगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय के लिए विस्तृत योजना तैयार की जा रही है ताकि हर चरण में निष्पक्ष और सुरक्षित मतदान सुनिश्चित किया जा सके।
चुनाव आयोग की इस समीक्षा यात्रा के बाद अब यह लगभग तय माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाएगी। आयोग राज्य में तैयारियों की अंतिम समीक्षा करने के बाद कार्यक्रम घोषित करेगा। फिलहाल, आयोग का फोकस साफ-सुथरे और शांतिपूर्ण चुनाव पर है ताकि लोकतंत्र का पर्व पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न हो सके।
