लगातार तीन महीनों तक पर्यटन की रफ्तार थमने के बाद अब हिमाचल प्रदेश में वीकेंड-टूरिज्म ने दोबारा रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। शनिवार और रविवार को शिमला, कुफरी, नारकंडा, कसौली और धर्मशाला जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ लौटने लगी है। राजधानी शिमला के रिज मैदान और मॉल रोड पर पिछले वीकेंड में पहले से कहीं अधिक सैलानी पहुंचे, जिससे स्थानीय दुकानों और रेस्टोरेंट्स की बिक्री भी बढ़ी। होटल और टैक्सी ऑपरेटरों का कहना है कि यह बदलाव उनके लिए राहत भरी खबर है, क्योंकि लंबे समय से कारोबार पर असर पड़ा हुआ था।
इस बार पर्यटकों की आमद ज्यादातर आसपास के राज्यों और गुजरात जैसे बड़े बाज़ारों से हुई है। नवरात्र और दुर्गा पूजा से पहले छोटे-छोटे ट्रिप्स बुक कराने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी है। कई होटल मालिकों ने बताया कि वीकेंड के लिए एडवांस बुकिंग में खासा इज़ाफा हुआ है। इससे यह साफ संकेत मिल रहा है कि त्योहारों के मौसम में आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या और बढ़ सकती है।
कुफरी और नारकंडा जैसे हिल-स्लोप डेस्टिनेशंस पर पर्यटकों की भीड़ ने स्थानीय सेवाओं की डिमांड भी बढ़ा दी है। यहां पर आने वाले लोग एडवेंचर गतिविधियों, हिल-व्यू प्वाइंट्स और लोकल फूड का आनंद ले रहे हैं। इसी तरह कसौली और चायल जैसे शांत पर्यटन स्थलों पर भी वीकेंड पर अच्छी-खासी भीड़ देखी गई। ट्रैवल एजेंटों का कहना है कि हाल के हफ्तों में घरेलू यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी का रुझान है, जो इस साल पर्यटन गतिविधियों को गति देने में मदद कर सकता है।
हालाँकि, यह सकारात्मक संकेत उत्साहजनक हैं, लेकिन प्रशासन और कारोबारियों के लिए चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं। मानसून के कारण पिछले कुछ महीनों में भारी बारिश और भूस्खलन से पर्यटन पर असर पड़ा था। कई जिलों में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और होटल ऑक्यूपेंसी गिर गई थी। यही वजह है कि अब प्रशासन पर्यटकों से सतर्कता बरतने की अपील कर रहा है और सुरक्षा व ट्रैफिक मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश सरकार भी पर्यटन क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए नई पहलें कर रही है। इको-टूरिज्म स्थलों के विकास, होम-स्टे योजनाओं को बढ़ावा देने और सुविधाओं के विस्तार जैसे प्रयास जारी हैं। पर्यटन विभाग का मानना है कि इन पहलों से आने वाले महीनों में और भी स्थलों पर सैलानियों की संख्या बढ़ सकती है।
स्थानीय व्यापारियों और होटल संचालकों ने उम्मीद जताई है कि त्योहारों के इस सीज़न में पर्यटन कारोबार पूरी तरह से पटरी पर लौट सकता है। उनका कहना है कि यदि मौसम अनुकूल रहा तो छोटे-बड़े आयोजन, बेहतर साफ-सफाई और ट्रैफिक प्रबंधन के साथ हिमाचल का पर्यटन क्षेत्र एक बार फिर स्थिरता हासिल करेगा। प्रशासन भी भीड़ नियंत्रण और सड़क यातायात को सुचारू रखने के लिए सक्रिय है, ताकि पर्यटकों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
कुल मिलाकर, तीन महीने की मंदी के बाद हिमाचल प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में वीकेंड-ट्रैवल ने एक नई ऊर्जा भर दी है। यह न केवल कारोबारियों के लिए राहत का संकेत है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देने वाला साबित हो सकता है। आने वाले दिनों में त्योहारों और छुट्टियों के दौरान हिमाचल की वादियों में और अधिक चहल-पहल देखने को मिल सकती है।
