प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (17 सितंबर) के अवसर पर आज से पूरे देश में ‘सेवा पखवाड़ा’ की शुरुआत हो रही है। यह कार्यक्रम दो सप्ताह तक चलेगा और इसका उद्देश्य आम जनता को समाजसेवा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और जनकल्याणकारी गतिविधियों से जोड़ना है।
सेवा पखवाड़ा का उद्देश्य
सेवा पखवाड़ा का मुख्य लक्ष्य समाज में ‘सेवा भाव’ को प्रोत्साहन देना और विभिन्न स्तरों पर लोकहितकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा “सेवा ही संगठन” के मंत्र पर बल दिया है, और यही विचार इस विशेष अभियान का आधार है।
राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम
इस दौरान पूरे देश में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:
स्वास्थ्य शिविर: ब्लड डोनेशन, स्वास्थ्य जांच और निशुल्क दवा वितरण।
स्वच्छता अभियान: शहरों, गांवों और सार्वजनिक स्थलों पर सफाई अभियान।
पौधारोपण अभियान: पर्यावरण संरक्षण और हरित आवरण बढ़ाने पर जोर।
डिजिटल सेवाओं का प्रचार: नागरिकों को डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस सेवाओं से जोड़ना।
जरूरतमंदों की मदद: गरीब और वंचित वर्गों के लिए खाद्य सामग्री व आवश्यक वस्तुओं का वितरण।
दिल्ली सरकार की विशेष तैयारी
दिल्ली में इस अवसर पर बड़े पैमाने पर कार्यक्रम तय किए गए हैं।
स्वास्थ्य जांच और दवा वितरण शिविर लगेंगे।
कॉलेज और स्कूलों में जागरूकता अभियान चलेंगे।
दिल्ली नगर निगम की ओर से कई जगहों पर स्वच्छता ड्राइव होगी।
जरूरतमंद परिवारों को राहत सामग्री और दैनिक उपयोग की वस्तुएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
जनता की भागीदारी
सरकार और संगठन चाह रहे हैं कि इस सेवा पखवाड़ा में जनसहभागिता अधिक से अधिक हो। सामाजिक संस्थाएँ, स्वयंसेवी संगठन और युवा वर्ग को इसमें सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
मोदी की सोच का प्रतिबिंब
यह पखवाड़ा प्रधानमंत्री मोदी के उस विजन को दर्शाता है जिसमें विकास के साथ-साथ सेवा, सहयोग और संवेदनशीलता को समाज के लिए अनिवार्य माना गया है। आने वाले 15 दिनों तक देशभर में यह अभियान सेवा और जागरूकता का बड़ा उदाहरण पेश करेगा।
