काठमांडू से ढाका तक हंगामा! सत्ता परिवर्तन की जंग ने क्यों भड़काई हिंसा?

भारत के दो पड़ोसी देशों में आंदोलन बना सत्ता परिवर्तन का कारण

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दक्षिण एशिया की राजनीति इन दिनों बड़े बदलावों के दौर से गुजर रही है। बांग्लादेश और नेपाल, दो पड़ोसी देशों में हाल ही में हुई घटनाओं ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। दोनों देशों में सत्ता परिवर्तन की हलचल और उससे जुड़ी राजनीतिक उठापटक ने हिंसा और अस्थिरता को जन्म दिया है।

नेपाल में क्यों भड़का बवाल?

नेपाल में पिछले हफ्ते शुरू हुआ Gen Z का आक्रोश अब एक बड़े आंदोलन का रूप ले चुका है। युवा प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ मोर्चा खोला। विरोध इतना बढ़ा कि संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और नेताओं के आवास तक को आग के हवाले कर दिया गया। हालात बेकाबू होते देख प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली को 9 सितंबर 2025 को इस्तीफ़ा देना पड़ा। राजधानी काठमांडू और भकतापुर में कर्फ्यू लागू, एयरपोर्ट बंद और इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी गईं।

बांग्लादेश में भी सत्ता का संकट

दूसरी ओर, बांग्लादेश में भी हाल ही में सत्ता परिवर्तन को लेकर उथल-पुथल मची हुई है। लंबे समय से सत्ता में रही शेख हसीना सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। विरोध इतना बढ़ा कि कानून-व्यवस्था चरमरा गई और कई शहरों में हिंसा और आगजनी की घटनाएं सामने आईं।

कनेक्शन कहां है?

दोनों देशों में एक बात कॉमन है—युवा असंतोष और सिस्टम पर भरोसे की कमी। नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के आरोप ने आग में घी का काम किया। बांग्लादेश में अधिनायकवादी नीतियों और चुनावी पारदर्शिता की कमी ने विरोध को हवा दी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ये घटनाएं क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरे का संकेत हैं। भारत जैसे पड़ोसी देशों के लिए भी यह चिंता का विषय है, क्योंकि हिंसा का असर सीमा सुरक्षा और आर्थिक गतिविधियों पर पड़ सकता है।

भारत की प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने दोनों देशों की घटनाओं पर नजर बनाए रखने और किसी भी संभावित संकट के लिए सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। खासतौर पर नेपाल-भारत सीमा पर कड़ी निगरानी बढ़ा दी गई है।

भारत सरकार ने अपनी जनता को नेपाल में यात्रा से बचने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने भारतीय नागरिकों से निवेदन किया है कि वे वर्तमान हिंसा को देखते हुए नेपाल जाने की योजना टाल दें और जो पहले से वहां हैं, वे स्थानीय सुरक्षा निर्देशों का पालन करें। साथ ही, नेपाल में रह रहे या यात्रा कर रहे भारतीयों के लिए इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।

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