बेंगलुरु के पास बनने जा रही ‘AI सिटी’ पर बवाल: किसानों का आंदोलन, सियासी संग्राम गरमाया!

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कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के ठीक बाहर बिदादी इलाके में प्रस्तावित AI-सिटी प्रोजेक्ट को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। राज्य सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत लगभग 9,600 एकड़ जमीन में यह प्रोजेक्ट बनाने की घोषणा की है, जिसमें से करीब 2,000 एकड़ जमीन खासतौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंडस्ट्री और टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए आरक्षित रखी गई है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य बेंगलुरु को एशिया का सबसे बड़ा AI हब बनाना है, जिससे करोड़ों का निवेश और लाखों नौकरियां आने की उम्मीद जताई जा रही है।

लेकिन इस सपने के साथ जुड़ी है जमीन अधिग्रहण की तल्ख हकीकत। जिन किसानों की जमीन इस प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की जानी है, उन्होंने इसका कड़ा विरोध शुरू कर दिया है। किसानों का आरोप है कि सरकार उनकी उपजाऊ जमीन सस्ते दामों पर लेकर कॉरपोरेट्स को फायदा पहुंचाना चाहती है। कई गांवों में धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया है और ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे।

राजनीतिक मोर्चा भी गरमाया

इस विवाद ने सियासी रंग भी पकड़ लिया हैJD(S) ने खुलकर किसानों का साथ दिया है और कहा है कि यह प्रोजेक्ट किसानों के हितों के खिलाफ है। वहीं कांग्रेस ने JD(S) पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि यह योजना नई नहीं है, बल्कि JD(S) के कार्यकाल में ही 2007 में इसका खाका तैयार हुआ था, लेकिन तब पर्यावरणीय और कृषि संबंधी आपत्तियों के चलते इसे रोक दिया गया था।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) फिलहाल इस मुद्दे पर सॉफ्ट टोन अपनाए हुए है, लेकिन अंदरखाने से मिल रही खबरों के मुताबिक पार्टी भी इस मुद्दे पर रणनीति बना रही है क्योंकि आगामी चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बन सकता है।

सरकार का दावा – किसानों को होगा फायदा

कर्नाटक सरकार का कहना है कि यह प्रोजेक्ट राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित होगा। सरकार का दावा है कि जिन किसानों की जमीन ली जाएगी, उन्हें मार्केट वैल्यू के हिसाब से उचित मुआवजा दिया जाएगा, साथ ही उन्हें प्रोजेक्ट में रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे। सरकार के मुताबिक, इस AI सिटी में न केवल बड़े-बड़े टेक्नोलॉजी पार्क बनेंगे, बल्कि स्कूल, अस्पताल और रिहायशी कॉलोनियां भी तैयार होंगी।

विरोध तेज होने के संकेत

हालांकि किसानों का कहना है कि यह सिर्फ “झूठे वादे” हैं। उन्होंने धमकी दी है कि अगर सरकार ने उनकी जमीन जबरन लेने की कोशिश की तो आंदोलन कर्नाटक बंद तक पहुंचेगा। किसानों ने साफ चेतावनी दी है:
“हम खेती छोड़कर कॉरपोरेट्स की चाकरी नहीं करेंगे। हमारी जमीन हमारी जान है, इसे हम किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।”

AI-सिटी प्रोजेक्ट क्यों खास है?
  • 9,600 एकड़ में बनने वाला देश का पहला बड़ा AI-केंद्रित टाउनशिप।

  • 2,000 एकड़ सिर्फ AI इंडस्ट्री और हाई-टेक कंपनियों के लिए आरक्षित।

  • IT कंपनियों और स्टार्टअप्स के लिए हाई-स्पीड नेटवर्क, डेटा सेंटर, और इनोवेशन हब।

  • निवेशक कंपनियों में बड़े नामों के आने की संभावना।

सरकार ने इस पूरे प्रोजेक्ट को ‘फ्यूचर ऑफ टेक्नोलॉजी इन इंडिया’ करार दिया है, लेकिन फिलहाल यह मुद्दा ‘फ्यूचर ऑफ फार्मर्स इन कर्नाटक’ बन गया है। आने वाले हफ्तों में यह विवाद और गरमाने वाला है क्योंकि किसानों ने सड़कों पर उतरने का एलान कर दिया है।

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