संयुक्त राष्ट्र में भारत का रुख: “यह युद्ध का युग नहीं”, यूक्रेन संघर्ष खत्म करने के लिए कूटनीति को समर्थन देगा भारत

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भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर स्पष्ट किया है कि आज की दुनिया को युद्ध नहीं बल्कि शांति और कूटनीति की ज़रूरत है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत उन सभी अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है, जो यूक्रेन संघर्ष के समाधान और स्थायी शांति की दिशा में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्धरण देते हुए मंत्रालय ने दोहराया कि “यह युद्ध का युग नहीं है” और इसी सोच के साथ नई दिल्ली कूटनीतिक पहलों को आगे बढ़ाएगा।

हाल ही में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यूक्रेनी विदेश मंत्री एंड्री सीबिहा से टेलीफोन पर बातचीत की। इस वार्ता में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के अलावा यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने और शांति कायम करने के उपायों पर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए बातचीत और मुलाकातें ज़रूरी हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी कुछ दिन पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से फोन पर चर्चा की थी। उस दौरान उन्होंने दोहराया कि भारत संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के रास्ते सुलझाने का पक्षधर है। भारत का मानना है कि युद्ध से किसी का भला नहीं होता और इससे केवल मानवीय संकट बढ़ता है।

विदेश मंत्रालय ने हाल ही में अमेरिका और रूस के बीच हुए कुछ समझौतों और संवाद को भी सकारात्मक संकेत बताया। मंत्रालय का कहना है कि यदि ये पहल कूटनीतिक समाधान की ओर ले जाती हैं तो पूरी दुनिया के लिए इसका लाभकारी परिणाम होगा। भारत ऐसे प्रयासों को आगे बढ़ाने में हरसंभव सहयोग देने के लिए तैयार है।

यूक्रेन की ओर से भी भारत की भूमिका को अहम माना जा रहा है। यूक्रेनी विदेश मंत्री ने भारत के साथ संपर्क के बाद उम्मीद जताई कि नई दिल्ली शांति स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। दोनों पक्षों ने तय किया है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान वे आमने-सामने मुलाकात कर इस विषय पर और चर्चा करेंगे।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत प्रत्यक्ष सैन्य हस्तक्षेप या कठोर प्रतिबंधों की नीति से दूरी बनाए रख सकता है, लेकिन कूटनीतिक समन्वय, शांति प्रस्तावों को प्रोत्साहन देने और पुनर्निर्माण संबंधी अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करने में अहम भूमिका निभा सकता है।

स्पष्ट है कि भारत संतुलित रुख अपनाते हुए यूक्रेन संकट को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक पहल को मजबूती देना चाहता है। आने वाले दिनों में संयुक्त राष्ट्र सहित अन्य बहुपक्षीय मंचों पर भारत की आवाज़ और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी, जहां उद्देश्य केवल एक है — युद्ध का अंत और टिकाऊ शांति की स्थापना।

 

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