स्वतंत्रता दिवस 2025: लाल किले से PM मोदी का सबसे लंबा भाषण, आत्मनिर्भरता, रोजगार, और तकनीकी क्रांति पर बड़ा रोडमैप

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025।

79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 12वीं बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराकर राष्ट्र को संबोधित किया। इस वर्ष उनका भाषण 102–103 मिनट चला, जो अब तक के स्वतंत्रता दिवस भाषणों में सबसे लंबा माना जा रहा है। भाषण में उन्होंने आत्मनिर्भर भारत, तकनीकी स्वदेशीकरण, नवीन रोजगार योजनाएँ, कृषि व ग्रामीण हित, और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे विषयों पर विस्तृत रोडमैप पेश किया।

आत्मनिर्भरता – विकसित भारत 2047 का आधार

प्रधानमंत्री ने “Operation Sindoor” की सफलता का श्रेय देश की आत्मनिर्भर क्षमता को देते हुए कहा कि यदि भारत ने रक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल न की होती, तो यह ऑपरेशन संभव नहीं था। उन्होंने साफ कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए आत्मनिर्भरता ही मूल मंत्र रहेगा।

इस संदर्भ में उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियानों को और तेज़ करने की अपील की।

उच्च तकनीकी क्षेत्र में स्वदेशीकरण

भाषण का एक प्रमुख हिस्सा तकनीकी क्षेत्र को समर्पित था। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि:

भारत का पहला मेड-इन-इंडिया सेमीकंडक्टर चिप वर्ष 2025 के अंत तक बाजार में उपलब्ध होगा।

जेट इंजन निर्माण और उच्च क्षमता वाली EV बैटरियों का उत्पादन भारत में ही होगा।

इससे आयात पर निर्भरता घटेगी, विदेशी मुद्रा बचेगी, और लाखों नए रोजगार के अवसर बनेंगे।

उन्होंने “दाम कम, दम ज्यादा” का मंत्र देते हुए कहा कि भारतीय उत्पाद न केवल सस्ते होंगे, बल्कि गुणवत्ता में भी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करेंगे।

किसानों, मछुआरों और ग्रामीण भारत के लिए आश्वासन

प्रधानमंत्री ने साफ संदेश दिया कि किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हित किसी भी नीति में सर्वोच्च प्राथमिकता पर रहेंगे।

उन्होंने कहा कि भारत की खाद्य और कृषि सुरक्षा को किसी भी परिस्थिति में प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा, चाहे वह अंतरराष्ट्रीय व्यापार विवाद हों या जलवायु चुनौतियाँ।

रोजगार के लिए सबसे बड़ी योजना – प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना

भाषण में उन्होंने प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना की शुरुआत की घोषणा की:

पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को ₹15,000 सीधे उनके बैंक खाते में दिए जाएंगे।

कंपनियों को नए रोजगार सृजन पर विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।

इस योजना का लक्ष्य 3.5 करोड़ युवाओं को लाभकारी रोजगार से जोड़ना है।

उन्होंने कहा कि यह कदम युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार बाजार को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर होगा।

टैक्स सुधार और GST में राहत

प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि आगामी दीपावली तक दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर GST में कटौती लागू की जाएगी।

उन्होंने इसे “Next-Generation GST Reforms” का हिस्सा बताते हुए कहा कि इससे मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग दोनों को राहत मिलेगी और उपभोग में वृद्धि होगी।

राष्ट्रीय सुरक्षा – नया मिशन ‘सुदर्शन चक्र’

उन्होंने Mission Sudarshan Chakra की घोषणा करते हुए बताया कि:

यह मिशन 2035 तक पूरे देश के सार्वजनिक स्थलों, धार्मिक स्थलों, परिवहन हब और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में उन्नत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।

इसमें आधुनिक निगरानी उपकरण, AI आधारित खतरे की पहचान प्रणाली और त्वरित प्रतिक्रिया बल शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री ने इसे “भारत की आंतरिक सुरक्षा को 21वीं सदी के मानकों पर लाने” की दिशा में बड़ा कदम बताया।

आपातकाल की याद और लोकतंत्र का महत्व

भाषण में उन्होंने 1975 के आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला था और हमें इसे कभी भूलना नहीं चाहिए।

उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा को अपना कर्तव्य मानें।

जल नीति पर सख्त रुख – ‘खून और पानी साथ नहीं’

इंदस जल संधि का संदर्भ देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “खून और पानी साथ नहीं बह सकते।”

यह संदेश पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष रूप से संबोधित करते हुए दिया गया और संकेत दिया गया कि भारत भविष्य में जल संसाधनों के उपयोग पर सख्त नीति अपनाएगा।

प्राकृतिक आपदाओं पर संवेदना और सहायता का भरोसा

हाल ही में उत्तराखंड, हिमाचल और पूर्वोत्तर में आई भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं पर उन्होंने दुख जताया और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

परंपरा और प्रतीक – केसरिया पगड़ी

इस बार भी प्रधानमंत्री ने लाल किले पर ध्वजारोहण के समय विशिष्ट केसरिया पगड़ी पहनने की परंपरा निभाई।

उन्होंने कहा कि यह भारत की सांस्कृतिक विविधता और परंपरा का प्रतीक है।

निष्कर्ष – विकसित भारत 2047 की ओर कदम

भाषण का सार यह रहा कि भारत को 2047 तक विकसित देशों की श्रेणी में लाने के लिए आत्मनिर्भरता, तकनीकी स्वदेशीकरण, रोजगार सृजन, किसानों की सुरक्षा और मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा—ये पाँच स्तंभ अनिवार्य हैं।प्रधानमंत्री ने राष्ट्र से एकजुट होकर इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए काम करने का आह्वान किया।

Leave a Comment

और पढ़ें