मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य में सवारी और माल ढोने वाले सभी टू-व्हीलर वाहनों पर पीली नंबर प्लेट लगाने का निर्देश जारी किया है। यह आदेश मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और भोपाल पुलिस मुख्यालय द्वारा पहले जारी किए गए सर्कुलर के तहत लिया गया है। डिवीजन बेंच, जिसमें न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति बिनोद कुमार द्विवेदी शामिल थे, ने स्पष्ट किया कि सभी निजी वाहन मालिकों को एक सप्ताह के भीतर अपने वाहनों से अवैध फ्लैश लाइट्स, सायरन और अतिरिक्त नंबर प्लेट हटा देने होंगे और वाहनों की नंबर प्लेट को मोटर वाहन अधिनियम की निर्धारित मानकों के अनुसार बदलना होगा।
पीली नंबर प्लेट का यह आदेश विशेष रूप से उन वाहनों पर लागू होता है जो सवारी या माल ढोने के लिए वाणिज्यिक रूप से उपयोग किए जाते हैं। मोटर वाहन अधिनियम के तहत, वाणिज्यिक वाहनों के लिए पीली नंबर प्लेट अनिवार्य है, ताकि ट्रैफिक पुलिस और अन्य संबंधित अधिकारी आसानी से पहचान सकें कि कौन सा वाहन निजी है और कौन सा वाणिज्यिक। इससे न केवल ट्रैफिक नियंत्रण में मदद मिलती है, बल्कि अवैध गतिविधियों और सुरक्षा संबंधी खतरों पर भी नियंत्रण संभव होता है।
उच्च न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि अवैध फ्लैश लाइट्स, सायरन और अतिरिक्त नंबर प्लेट्स का उपयोग सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करता है। इसलिए इन सभी अवैध उपकरणों को तत्काल हटाया जाना आवश्यक है। न्यायालय ने सभी वाहन मालिकों को आदेश का पालन करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है, ताकि वे अपने वाहनों को अधिनियम के अनुरूप बना सकें और किसी भी कानूनी कार्रवाई से बच सकें।
यह कदम राज्य में सड़क सुरक्षा को बढ़ाने और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है। वाहन मालिकों के लिए यह आवश्यक है कि वे उच्च न्यायालय के इस आदेश का पालन करें और अपने वाहनों की नंबर प्लेट और उपकरणों को निर्धारित मानकों के अनुरूप बनाएँ, जिससे न केवल कानूनी समस्याओं से बचा जा सके बल्कि सड़क सुरक्षा भी सुनिश्चित हो।
