बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच चुनाव आयोग ने एक बड़ा और सख्त निर्देश जारी किया है। इस बार चुनाव मैदान में उतरने वाले हर प्रत्याशी को चुनावी खर्च के लिए अलग बैंक खाता खोलना अनिवार्य होगा। आयोग का कहना है कि इससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और काले धन के इस्तेमाल पर अंकुश लगेगा।
निर्देश के मुताबिक, प्रत्याशी को यह खाता अपने नाम पर या अपने चुनाव एजेंट के साथ संयुक्त नाम पर खोलना होगा। हालांकि, परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ संयुक्त खाता मान्य नहीं होगा। इस खाते का विवरण नामांकन दाखिल करने से कम से कम एक दिन पहले संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर (RO) को लिखित रूप में देना अनिवार्य होगा। आयोग ने सभी जिला अधिकारियों को भी सख्ती से इसका पालन कराने के निर्देश दिए हैं।
बैंकों को भी स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि प्रत्याशियों का खाता प्राथमिकता के आधार पर खोला जाए और उन्हें चेकबुक व अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इसके साथ ही बैंकों को उच्च जोखिम वाले लेन-देन की निगरानी करने और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट प्रशासन को देने का निर्देश मिला है। यदि किसी वाहन में बैंक नकदी के साथ किसी तीसरे पक्ष की नकदी पाई जाती है तो उसे तुरंत जब्त किया जा सकता है।
चुनाव आयोग ने जिला स्तर पर अधिकारियों से कहा है कि वे प्रत्याशियों के खातों की गतिविधियों पर नजर रखें। विशेषकर 10,000 रुपये से अधिक के लेन-देन की मॉनिटरिंग अनिवार्य की गई है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई प्रत्याशी चुनावी खर्च छिपा न सके और सभी भुगतान बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से दर्ज हों।
विशेषज्ञों का मानना है कि आयोग का यह कदम चुनावी खर्च पर अंकुश लगाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अहम साबित होगा। आयोग का तर्क है कि जब सारे खर्च एक ही खाते से होंगे तो प्रत्याशी के लिए गलत जानकारी देना या वास्तविक खर्च छिपाना आसान नहीं होगा। इससे चुनावी खर्च के ऑडिट और जांच की प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी।
निर्देश का उल्लंघन करने पर प्रत्याशियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसमें खर्च विवरण खारिज होना, नकदी जब्त होना या कानूनी दंडात्मक कार्रवाई शामिल है। चुनाव आयोग ने साफ किया है कि वह इस नियम के पालन को लेकर किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस तरह, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उम्मीदवारों को न केवल प्रचार की तैयारी करनी होगी, बल्कि अपने चुनावी खर्च को पारदर्शी ढंग से संचालित करने के लिए अलग बैंक खाता खोलने और उसकी जानकारी आयोग को देने की प्रक्रिया भी पूरी करनी होगी।
