गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जांच रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस हादसे में 270 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन दुर्घटना के कारणों का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल सका है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है। रिपोर्ट में पायलट की गलती को संभावित कारण बताया गया था, जिसे कोर्ट ने ‘गैरजिम्मेदाराना’ करार दिया और इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया। कोर्ट ने कहा कि बिना पूरी जांच के ऐसे निष्कर्ष नहीं निकाले जा सकते।
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में ‘फ्यूल कटऑफ’ स्विच के कारण ईंधन आपूर्ति में रुकावट और इंजन फेल होने की संभावना जताई गई थी, लेकिन इसमें कोई ठोस कारण या सिफारिश नहीं दी गई है। एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने भी स्पष्ट किया कि प्रारंभिक रिपोर्ट में न तो कोई ठोस कारण बताया गया है और न ही कोई सिफारिश की गई है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि जांच पूरी होने से पहले कोई निष्कर्ष न निकाले। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने भी कहा कि तकनीकी मामलों में निष्कर्ष निकालने से पहले पूरी जांच जरूरी है और प्रारंभिक रिपोर्ट सिर्फ शुरुआती संकेत देती है।
इस हादसे की जांच राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि हादसे में इस्तेमाल हुए बोइंग 787-8 विमान का सौदा यूपीए सरकार के दौरान हुआ था। इसके कारण जांच अब उस समय के निर्णयों और अनुबंधों की समीक्षा तक जा सकती है। अहमदाबाद विमान हादसे की जांच में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आवश्यकता है, और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी एवं केंद्र सरकार को नोटिस इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही हादसे के वास्तविक कारण सामने आएंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
