‘दुनिया का भारत पर भरोसा, अब हमें कोई नहीं रोक सकता’; पीएम मोदी का संकेत, ट्रंप को इशारों में जवाब

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अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद ने हाल के दिनों में दोनों देशों के रिश्तों पर दबाव बना दिया है। इसी पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधनों में स्पष्ट संदेश दिया है कि आज दुनिया का भारत पर भरोसा पहले से कहीं अधिक मजबूत हुआ है और अब भारत की प्रगति की राह को कोई भी शक्ति नहीं रोक सकती।

यह बयान तब आया है जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ पूरी तरह समाप्त (ज़ीरो) करने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, ट्रंप ने इसे “बहुत देर से उठाया गया कदम” बताया और साथ ही भारत-US व्यापार को “वन-साइडेड” करार दिया।

टैरिफ विवाद और तनावपूर्ण रिश्ते

अगस्त 2025 में अमेरिका ने भारत से आयातित उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने का फैसला किया। वॉशिंगटन का तर्क था कि भारत अमेरिकी बाज़ार से तो फायदा उठाता है, लेकिन अमेरिकी सामान पर ऊँचे शुल्क लगाकर संतुलन बिगाड़ता है। ट्रंप ने इसे अमेरिका के लिए “अनुचित” और “एकतरफ़ा” नुकसान बताया।

इस कदम के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक खींचतान गहराती गई और भविष्य के आर्थिक संबंधों पर सवाल खड़े हो गए।

मोदी का आत्मविश्वास भरा संदेश

इन परिस्थितियों में प्रधानमंत्री मोदी का “भारत पर दुनिया का भरोसा” वाला बयान बेहद अहम माना जा रहा है। हाल ही में आयोजित Semicon India 2025 कार्यक्रम में मोदी ने कहा—“डिज़ाइन मेड इन इंडिया, ट्रस्टेड बाय द वर्ल्ड।”

उनका इशारा साफ़ था कि भारत अब केवल उपभोक्ता बाज़ार नहीं, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का भरोसेमंद केंद्र बन चुका है। मोदी ने यह भी कहा कि अब भारत की प्रगति को कोई भी रोक नहीं सकता, क्योंकि आज देश आत्मनिर्भरता और वैश्विक सहयोग दोनों में मज़बूत स्थिति में है।

कूटनीतिक संकेत और अंतरराष्ट्रीय मंच

भारत ने हाल के हफ्तों में अपनी विदेश नीति के ज़रिए भी स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी एक ध्रुव पर निर्भर नहीं है। चीन के तियानजिन में हुए SCO शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाक़ात ने यही संकेत दिया। मोदी ने कहा कि कठिन समय में भी भारत-रूस साझेदारी मज़बूत रही है और यह सहयोग शांति एवं स्थिरता के लिए अहम है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह अमेरिका को अप्रत्यक्ष संदेश है कि भारत अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता से समझौता नहीं करेगा।

संवेदनशील क्षेत्रों पर भारत की ‘रेड लाइन्स’

मोदी ने बार-बार ज़ोर दिया है कि भारत किसानों, डेयरी और मत्स्य पालन जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। यानी किसी भी व्यापारिक वार्ता या समझौते में ये सेक्टर भारत की प्राथमिकता रहेंगे। यह रुख दर्शाता है कि भारत व्यापारिक समझौतों के साथ-साथ घरेलू हितों की रक्षा को भी बराबरी से महत्व देता है।

आगे की राह

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ से भारतीय निर्यात महँगा हो सकता है और वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं पर असर पड़ सकता है। हालांकि, ट्रंप के “ज़ीरो टैरिफ ऑफ़र” वाले बयान से यह संकेत भी मिलता है कि बातचीत की गुंजाइश अभी भी बनी हुई है।

दूसरी ओर, मोदी का “दुनिया का भारत पर भरोसा” वाला संदेश यह दिखाता है कि भारत अब वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास के साथ खड़ा है और विकसित भारत की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

निष्कर्ष

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर जारी तनातनी के बीच प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान देश की कूटनीतिक और आर्थिक रणनीति का प्रतीक है। एक तरफ ट्रंप भारत को “वन-साइडेड” रिश्तों के लिए घेर रहे हैं, तो दूसरी तरफ मोदी भारत को उस राष्ट्र के रूप में पेश कर रहे हैं जिस पर पूरी दुनिया भरोसा कर रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में यही आत्मविश्वास भारत की विदेश नीति और आर्थिक रणनीति को नई दिशा देगा।

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