संसद से चुनाव आयोग तक INDIA गठबंधन का पैदल मार्च, SIR और वोटर फ्रॉड के खिलाफ विरोध तेज

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नई दिल्ली, 11 अगस्त 2025 — विपक्षी गठबंधन INDIA (Indian National Developmental Inclusive Alliance) के सांसदों ने सोमवार को संसद के मकर द्वार से लेकर चुनाव आयोग (निरवाचन सदन) के मुख्यालय तक पैदल मार्च निकाला। इस मार्च में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, RJD नेता तेजस्वी यादव, तृणमूल कांग्रेस, DMK, AAP, वामदलों, शिवसेना (UBT) और अन्य 25 दलों के प्रतिनिधि शामिल रहे।

मार्च का उद्देश्य बिहार में चल रहे Special Intensive Revision (SIR) के दौरान मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों, डुप्लिकेट नामों और फर्जी वोटर आईडी से जुड़े आरोपों पर चुनाव आयोग का ध्यान आकर्षित करना था।

प्रमुख आरोप और मांगें

1. SIR प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी

विपक्ष का दावा है कि बिहार के कई इलाकों में एक ही व्यक्ति के नाम कई जगह सूचीबद्ध हैं और बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) एक ही स्थान पर फर्जी फॉर्म भर रहे हैं।

2. डुप्लिकेट और फर्जी वोट

राहुल गांधी ने महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से अधिक फर्जी और डुप्लिकेट वोट होने का आरोप लगाया।

3. EPIC नंबर विवाद

RJD के तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के पास दो अलग EPIC (Electors Photo Identity Card) नंबर हैं, जिससे मतदाता सूची में गड़बड़ी का संदेह बढ़ा है।

4. डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करने की मांग

राहुल गांधी ने “votechori.in/ecdemand” नामक पोर्टल लॉन्च कर आम लोगों से समर्थन जुटाने और डिजिटल वोटर लिस्ट सार्वजनिक करने की अपील की है।

प्रशासन और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

दिल्ली पुलिस का रुख

पुलिस ने स्पष्ट किया कि मार्च के लिए कोई औपचारिक अनुमति नहीं मांगी गई और न ही दी गई है। सुरक्षा के लिहाज से संसद से EC ऑफिस तक मार्ग पर बैरिकेडिंग और अतिरिक्त बल तैनात किया गया।

चुनाव आयोग का प्रस्ताव

आयोग ने दोपहर 12 बजे कांग्रेस के जयराम रमेश समेत अधिकतम 30 प्रतिनिधियों से मुलाकात का समय तय किया है। स्थान की सीमितता के कारण यह संख्या तय की गई।

आगे की राजनीतिक रणनीति

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज रात INDIA गठबंधन के सांसदों के लिए डिनर बैठक बुलाई है, ताकि भविष्य की रणनीति तय की जा सके।

राहुल गांधी 17 अगस्त से बिहार में “मतदाता अधिकार यात्रा” शुरू करेंगे, जो 18 जिलों में जाएगी और SIR के खिलाफ जनजागरूकता अभियान चलाएगी।

निष्कर्ष

INDIA गठबंधन इस मार्च को लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता के लिए संघर्ष के रूप में पेश कर रहा है, जबकि सत्ता पक्ष इसे महज राजनीतिक स्टंट करार दे रहा है। आने वाले दिनों में चुनाव आयोग की कार्रवाई और विपक्ष की सड़क से सदन तक की रणनीति इस विवाद के अगले चरण को तय करेगी।

 

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