रेखा गुप्ता सरकार की कैबिनेट ने लिए जनहित में बड़े फैसले, पढ़ें पूरी लिस्ट

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दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनका सीधा असर आम लोगों, व्यापारियों, अभिभावकों और कर्मचारियों पर पड़ेगा। नीचे इन फैसलों का विस्तार से विवरण दिया गया है।

स्कूल फीस नियंत्रण बिल को मंजूरी

दिल्ली कैबिनेट ने “स्कूल फीस विनियमन विधेयक 2025” को मंजूरी दी है। यह विधेयक निजी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में मनमानी फीस वृद्धि को रोकने के लिए लाया गया है।

प्रमुख बातें:

अब स्कूल हर साल मनमानी तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे।

केवल हर तीन साल में एक बार ही फीस में बदलाव की अनुमति होगी।

18 मापदंडों के आधार पर फीस वृद्धि को जांचा जाएगा।

फीस वृद्धि पर निगरानी रखने के लिए तीन स्तर की समितियाँ बनाई जाएंगी – स्कूल स्तर, जिला स्तर और राज्य स्तर।

कानून का उल्लंघन करने पर ₹1 लाख से लेकर ₹10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।

सरकार का दावा है कि यह विधेयक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, जबकि कई अभिभावकों और विपक्षी दलों ने इसे जटिल और अभिभावक विरोधी बताया है।

महिला सुरक्षा और रोजगार: रात की शिफ्ट में काम करने की मंजूरी

राजधानी दिल्ली में अब महिलाएं रात्रिकालीन (नाइट शिफ्ट) में भी दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में काम कर सकेंगी।

क्या है नया बदलाव:

सभी निजी और सरकारी दुकानों में महिलाओं को अब 24×7 कार्य करने की अनुमति मिलेगी।

यह फैसला महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

अंतिम मुहर उपराज्यपाल (LG) की ओर से लगनी बाकी है।

व्यापारियों के लिए बड़ी राहत: सात व्यापारिक गतिविधियों पर NOC नहीं

दिल्ली सरकार ने व्यापारिक प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया है।

क्या बदलेगा:

अब सात प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों के लिए पुलिस से लाइसेंस या NOC की आवश्यकता नहीं होगी।

इससे हजारों व्यापारियों को लाइसेंसिंग की जटिलताओं से राहत मिलेगी।

साथ ही कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में सरकार इसे एक सुधारात्मक कदम मान रही है।

विधायक निधि का बेहतर इस्तेमाल

सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब दिल्ली के विधायक अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) के माध्यम से भी निधि का उपयोग कर सकेंगे।

फैसले की खासियत:

पहले विधायक केवल PWD (लोक निर्माण विभाग) और अन्य एजेंसियों के माध्यम से ही फंड खर्च कर सकते थे।

अब MCD के माध्यम से काम करवा कर विकास गति को और तेज किया जा सकेगा।

इस बदलाव के लिए अगले वित्तीय वर्ष में ₹1400 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है।

निष्कर्ष:

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में दिल्ली कैबिनेट ने जो हालिया फैसले लिए हैं, वे राजधानी के शासन को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और जनहितैषी बनाने की दिशा में कदम हैं। चाहे वह स्कूल फीस नियंत्रण हो, महिला श्रमिकों के अधिकार, या व्यापारियों को राहत  सरकार ने व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है। हालांकि, कुछ फैसलों को लेकर आलोचना भी हुई है, लेकिन सरकार का रुख स्पष्ट है कि हर वर्ग को सुशासन का लाभ मिले।

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