भारत सरकार ने संसद के मानसून सत्र के दौरान राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 लोकसभा में पेश किया है। इसका उद्देश्य देश के खेल संगठनों और प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और खिलाड़ियों की भागीदारी सुनिश्चित करना है। इस विधेयक के दायरे में अब तक स्वतंत्र रूप से काम कर रहे BCCI सहित सभी राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSFs) आएंगे।
मुख्य उद्देश्य
खेल संघों में लोकतांत्रिक संचालन, महिला और खिलाड़ी भागीदारी, और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया लागू करना।
खिलाड़ियों को खेल संघों के निर्णयों में सीधा प्रतिनिधित्व देना।
डोपिंग-रोधी ढांचे को मजबूत करना और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
1. राष्ट्रीय खेल बोर्ड (National Sports Board – NSB)
सभी खेल महासंघों को मान्यता देने और निलंबित करने का अधिकार।
सदस्य चयन के लिए समिति जिसमें कैबिनेट सचिव/खेल सचिव होंगे।
2. कार्यकाल और आयु सीमा
महासंघ के अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष अधिकतम 3 कार्यकाल (12 वर्ष) तक पद पर रह सकते हैं।
अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष, विशेष मामलों में 75 वर्ष।
3. महिला और खिलाड़ी प्रतिनिधित्व
कार्यकारी समिति में कम-से-कम 4 महिलाएं और 2 खिलाड़ी होना अनिवार्य।
4. राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण (Tribunal)
स्वतंत्र पंचाट जो खेल विवादों का निपटारा करेगा।
अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश होंगे।
5. राष्ट्रीय खेल चुनाव पैनल
सभी संघों में निष्पक्ष चुनाव के लिए स्वतंत्र निकाय।
पूर्व चुनाव आयुक्त या वरिष्ठ नौकरशाहों की नियुक्ति।
6. RTI के तहत लाना
सभी मान्यता प्राप्त खेल संघों को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत लाया जाएगा।
7. सरकारी नियंत्रण और विशेष अधिकार
सरकार को विशेष परिस्थितियों में किसी संघ की टीम को अंतरराष्ट्रीय आयोजन में भाग लेने से रोकने का अधिकार होगा।संघ के नाम, झंडा, और प्रतीक चिन्ह के प्रयोग पर नियंत्रण।
BCCI पर प्रभाव
पहली बार BCCI को भी विधेयक के अंतर्गत लाया गया है।
BCCI को अब सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एनएसएफ के रूप में पंजीकरण कराना होगा।
इसके संचालन और चुनावों में सरकार द्वारा निर्धारित नियम लागू होंगे।
एंटी‑डोपिंग (संशोधन) विधेयक 2025
राष्ट्रीय एंटी‑डोपिंग एजेंसी (NADA) को सशक्त बनाना।
WADA के मानकों के अनुरूप डोपिंग रोधी प्रक्रिया।
खिलाड़ियों के अधिकार और गोपनीयता की रक्षा सुनिश्चित करना।
लाभ और प्रभाव
खेल संघों में पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी।
खिलाड़ियों को उनके भविष्य, चयन प्रक्रिया और कल्याण से जुड़े निर्णयों में भागीदारी मिलेगी।
2036 ओलंपिक की मेजबानी की भारत की तैयारी को मजबूती मिलेगी।
खेल संगठनों में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद पर रोक लगेगी।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 भारतीय खेल व्यवस्था के इतिहास में एक क्रांतिकारी सुधार है। इससे भारत का खेल परिदृश्य न केवल वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेगा, बल्कि खिलाड़ी‑केंद्रित और पारदर्शी भी होगा।
