गाज़ा युद्धविराम पर अमेरिका का कदम: इज़राइल में बनेगा निगरानी केंद्र, भेजे जाएंगे 200 सैनिक

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

इज़राइल और हमास के बीच युद्धविराम लागू कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अमेरिका ने करीब 200 सैनिक इज़राइल भेजने का फैसला किया है। ये सैनिक अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के तहत काम करेंगे और इनका मुख्य उद्देश्य इज़राइल में एक सिविल-मिलिट्री कोऑर्डिनेशन सेंटर (CMCC) स्थापित करना होगा। यह बहु-राष्ट्रीय समन्वय केंद्र गाज़ा युद्धविराम की निगरानी करेगा और मानवीय सहायता पहुंचाने, लॉजिस्टिक्स और सुरक्षा व्यवस्थाओं के बीच तालमेल बिठाने का कार्य करेगा। अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, यह सैनिक दल इंजीनियरिंग, परिवहन, संचार, योजना और सुरक्षा के विशेषज्ञों से मिलकर बना होगा।

इज़राइल की प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कैबिनेट ने इस युद्धविराम के पहले चरण को मंजूरी दे दी है, जिससे अमेरिका और उसके क्षेत्रीय साझेदारों द्वारा तैयार की गई शांति योजना को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाने का रास्ता खुल गया है। इस योजना में मानवीय सहायता बढ़ाने, कुछ बंधकों की चरणबद्ध रिहाई और सीमित सैनिक वापसी जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि तैनात किए जा रहे सैनिक गाज़ा के भीतर प्रवेश नहीं करेंगे, बल्कि इज़राइल के भीतर से ही समन्वय का कार्य संभालेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, इस समन्वय केंद्र में अमेरिका के साथ-साथ मिस्र, क़तर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की भागीदारी भी होगी। यह बहु-राष्ट्रीय टास्क फोर्स युद्धविराम की निगरानी, राहत सामग्री की निर्बाध आपूर्ति और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए कार्य करेगी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस कदम को सकारात्मक संकेत के रूप में देख रहा है, क्योंकि इससे गाज़ा में चल रही मानवीय त्रासदी को कुछ हद तक कम करने की उम्मीद है।

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल शुरुआत है — असली चुनौती गाज़ा के भविष्य के प्रशासन, पुनर्निर्माण और दीर्घकालीन राजनीतिक समाधान में है। अमेरिका ने इस मिशन को मानवीय सहायता और स्थिरीकरण की दिशा में एक “साझा अंतरराष्ट्रीय प्रयास” बताया है। अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, यह सैनिक दल जल्द ही इज़राइल पहुंचकर नियंत्रण केंद्र की स्थापना का काम शुरू करेगा, ताकि सीमा पार राहत सामग्री के आवागमन और सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रक्रिया तेज की जा सके।

इस पहल पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कुछ देशों ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम क्षेत्र में स्थिरता लाने में सहायक होगा, जबकि आलोचकों ने चेतावनी दी कि दीर्घकालीन शांति केवल सैन्य निगरानी से नहीं, बल्कि राजनीतिक समझौते और पुनर्निर्माण की स्पष्ट नीति से ही संभव होगी। इसके बावजूद, गाज़ा में जारी मानवीय संकट के बीच यह कदम शांति की दिशा में एक अहम अंतरराष्ट्रीय प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

Leave a Comment

और पढ़ें