वित्त मंत्री का ऐलान: नए जीएसटी सुधारों से बढ़ेगी खपत और आमदनी, कारोबारियों को भी राहत

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केंद्र सरकार ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) प्रणाली में बड़े बदलावों की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इन सुधारों से आम उपभोक्ता और कारोबारियों को सीधा लाभ होगा तथा करीब ₹2 लाख करोड़ रुपये जनता की जेब में वापस आएंगे। इसका असर घरेलू खपत बढ़ाने और अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा लाने के रूप में देखने को मिलेगा।

नए प्रस्तावों के तहत जीएसटी स्लैब को सरल बनाया गया है। अब अधिकांश वस्तुएँ और सेवाएँ मुख्य रूप से 5% और 18% की दर में शामिल होंगी। इसके अलावा, कुछ विशेष और विलासिता वर्ग की वस्तुओं को उच्च दर या ‘डिमेरिट गुड्स’ श्रेणी में रखा गया है। सरकार का कहना है कि इससे उपभोक्ताओं के लिए खरीदारी आसान होगी और कर संरचना अधिक स्पष्ट बनेगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री के अनुसार, कई रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं पर कर दरों को कम किया गया है। दवाइयाँ, स्वास्थ्य सेवाएँ, कुछ घरेलू उपकरण और कृषि से जुड़ी सामग्री अब सस्ती होंगी। इससे सीधे तौर पर आम उपभोक्ता की जेब में अधिक धन बचेगा, जिसे वह अन्य खर्चों और खपत में लगा सकेगा। यही अतिरिक्त खपत अर्थव्यवस्था में गति लाएगी।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि नई दरें और छूटें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। कुछ वस्तुओं जैसे सिगरेट, तंबाकू और लक्ज़री सामानों पर अलग से नोटिफिकेशन जारी किए जाएंगे, जिन पर अधिक कर लगाया जाएगा। इसका उद्देश्य अस्वास्थ्यकर और विलासिता वस्तुओं की खपत को नियंत्रित करना है।

इस सुधार का बड़ा लाभ MSME क्षेत्र और छोटे कारोबारियों को मिलने की उम्मीद है। कर प्रणाली सरल होने से अनुपालन आसान होगा और लागत भी घटेगी। कृषि-उपकरणों और इनपुट्स पर कर राहत मिलने से किसानों को भी मदद मिलेगी।

जीएसटी काउंसिल ने कर अनुपालन से जुड़े पहलुओं को भी सरल बनाया है। रिटर्न-फाइलिंग, इनवॉइसिंग और तकनीकी प्रक्रियाओं को चरणबद्ध तरीके से अपडेट किया जाएगा ताकि व्यापारी आसानी से नए सिस्टम में ढल सकें। ड्रोन जैसे कुछ विशेष उत्पादों पर भी एक समान कर दर तय की गई है।

हालाँकि सुधारों का उद्देश्य उपभोक्ता तक राहत पहुँचाना है, लेकिन वास्तविक असर इस बात पर निर्भर करेगा कि व्यापारी और खुदरा विक्रेता कीमतों में कटौती का लाभ कितनी जल्दी जनता तक पहुँचाते हैं। राज्यों की राजस्व स्थिति, ‘सिन गुड्स’ पर अलग प्रावधान और वैश्विक आर्थिक हालात भी इन सुधारों के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।

केंद्र ने सभी राज्यों और व्यापारिक संगठनों से सहयोग की अपील की है। वित्त मंत्रालय ने मार्गदर्शक नोटिफिकेशन और FAQ जारी कर दिए हैं ताकि करदाताओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। सरकार को उम्मीद है कि इन सुधारों से कर प्रणाली अधिक पारदर्शी बनेगी और देश की अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।

कुल मिलाकर, नए जीएसटी सुधारों का उद्देश्य उपभोक्ता और कारोबारियों को राहत देना, खपत को बढ़ाना और अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना है। अगर अनुमानित ₹2 लाख करोड़ का फायदा उपभोक्ता स्तर तक पहुँचता है, तो आने वाले महीनों में इसका सकारात्मक असर खुदरा बाजार और उद्योग जगत में साफ दिखेगा।

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