भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच चल रही मुक्त व्यापार समझौता (FTA) की बातचीत को लेकर माल्टा ने गहरी रुचि दिखाई है। भारत में माल्टा के राजदूत रूबेन गौसी (Reuben Gauci) ने हाल ही में कहा कि उनका देश इस समझौते का बेसब्री से इंतजार कर रहा है क्योंकि इससे व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक सहयोग को नई गति मिलेगी।
गौसी ने बताया कि भारत और माल्टा के बीच इस साल राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने जोर दिया कि FTA से दोनों पक्षों को लाभ होगा। फिलहाल, माल्टा में लगभग 112 भारतीय कंपनियाँ सक्रिय हैं और करीब 18 हजार भारतीय मूल के लोग वहां रह रहे हैं। राजदूत के अनुसार, भारतीय समुदाय माल्टा की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है।
उन्होंने कहा कि माल्टा विशेष रूप से वित्तीय सेवाओं, फिल्म उद्योग और व्यापारिक गतिविधियों में भारत के साथ सहयोग को और गहराई देना चाहता है। राजदूत ने विश्वास जताया कि यदि भारत-ईयू FTA पर सहमति बनती है तो माल्टा में भारतीय निवेश और भी बढ़ेगा और दोनों देशों के बीच व्यावसायिक अवसरों का दायरा विस्तृत होगा।
उधर, भारत और यूरोपीय संघ के बीच चल रही बातचीत भी अब निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ती दिख रही है। दोनों पक्ष 6 से 10 अक्टूबर 2025 के बीच ब्रुसेल्स में 14वें दौर की वार्ता करने वाले हैं। भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह एक संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है। वहीं, यूरोपीय संघ के कई सदस्य देशों ने भी इस वार्ता को प्राथमिकता देने की बात कही है।
राजदूत गौसी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और यूरोप के रिश्ते नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं। माल्टा जैसे छोटे लेकिन प्रभावशाली EU सदस्य देशों की सकारात्मक भूमिका इस प्रक्रिया को गति देने में अहम हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता अगर समय पर अंतिम रूप पाता है तो भारत और यूरोप के बीच व्यापार, निवेश, शिक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में नए अवसर खुलेंगे।
