GST काउंसिल मीटिंग: “रातभर बैठने को तैयार, मगर आज ही होगा फैसला” — वित्त मंत्री सीतारमण का सख्त रुख

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

नई दिल्ली, 5 सितम्बर 2025 — देश की कर प्रणाली से जुड़ी 56वीं जीएसटी परिषद बैठक बुधवार को बेहद लंबी और अहम रही। सुबह शुरू हुई यह बैठक देर रात तक खिंचती रही, क्योंकि कई राज्यों ने नई कर संरचना पर अपनी आपत्तियाँ दर्ज कराईं। लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कह दिया कि फैसला आज ही होगा, चाहे इसके लिए उन्हें रातभर भी बैठना पड़े। उनके इस सख्त रुख के बाद परिषद ने अंततः व्यापक सहमति बनाई और बड़े बदलावों पर मुहर लगाई।

बैठक का टकराव और समाधान

बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक और पंजाब जैसे विपक्ष शासित राज्यों ने राजस्व हानि की आशंका जताते हुए मांग की कि फैसला अगले दिन तक टाला जाए। उनका कहना था कि कर दरों में कटौती से राज्यों की आय पर असर पड़ेगा और केंद्र को पहले स्पष्ट मुआवज़े का आश्वासन देना चाहिए।

हालाँकि वित्त मंत्री सीतारमण ने यह तर्क मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जनता को राहत अभी चाहिए और परिषद का काम लगातार टालने का नहीं, बल्कि निर्णय करने का है। इसी बीच उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह रातभर भी बैठने के लिए तैयार हैं। अंततः लंबी बहस और तकरार के बाद सहमति बनी और बैठक से कई महत्वपूर्ण निर्णय निकलकर आए।

जीएसटी संरचना में बड़ा बदलाव

बैठक में जीएसटी ढांचे को सरल करते हुए दो-स्तरीय व्यवस्था को मंजूरी दी गई। अब अधिकतर वस्तुएं और सेवाएँ केवल दो दरों — 5% और 18% — में आएँगी। वहीं हानिकारक या डिमेरिट वस्तुओं जैसे सिगरेट, तंबाकू और पान मसाला पर विशेष 40% की उच्च दर रखी गई है।

इसके साथ ही 12% और 28% के स्लैब को लगभग समाप्त कर दिया गया है। इससे कर प्रणाली आसान होगी और उपभोक्ताओं पर भी सीधा असर दिखाई देगा।

किन वस्तुओं और सेवाओं पर राहत?

बैठक में रोज़मर्रा की कई वस्तुओं और सेवाओं पर बड़ा राहत पैकेज दिया गया है।

रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी — शैम्पू, साबुन, टूथपेस्ट, बालों का तेल, बर्तन, साइकिल, पैक्ड फूड (नमकीन, चॉकलेट, कॉर्नफ्लेक्स) अब 5% स्लैब में आ गए।

जीरो टैक्स (NIL) पर चीजें — पैक्ड दूध (UHT), पनीर, छेना और पारंपरिक भारतीय रोटियां अब पूरी तरह टैक्स मुक्त होंगी।

इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन — टीवी (32 इंच तक), छोटे कार, मोटरसाइकिल (350cc तक) और एयर कंडीशनर की दरें 28% से घटाकर 18% कर दी गईं।

दवा और मेडिकल उपकरण — जीवनरक्षक दवाओं पर GST हटाकर NIL या 5% किया गया। मेडिकल उपकरणों पर भी टैक्स घटाया गया।

बीमा सेवाएं — स्वास्थ्य और जीवन बीमा नीतियों पर जीएसटी को मुक्त करने की सिफारिश की गई है। इससे बीमा पॉलिसी लेना सस्ता होगा।

लागू होने की तारीख

परिषद ने निर्णय लिया है कि नई कर दरें और सेवाओं पर बदलाव 22 सितम्बर 2025 से लागू होंगे। हालांकि पान मसाला, तंबाकू और सिगरेट जैसी वस्तुओं पर बदलाव चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे ताकि संबंधित राज्यों को राजस्व की योजना बनाने का समय मिल सके।

उपभोक्ताओं और राज्यों पर असर

इस फैसले का सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। रोजमर्रा की वस्तुएं और कई सेवाएं सस्ती हो जाएंगी, वहीं वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स पर भी ग्राहकों को राहत मिलेगी। हालांकि राज्यों ने राजस्व हानि की चिंता जताई है, जिसके लिए केंद्र ने भरोसा दिया है कि चरणबद्ध बदलाव और आवश्यक मुआवज़े की व्यवस्था की जाएगी।

निष्कर्ष

जीएसटी परिषद की यह बैठक न सिर्फ़ कर ढांचे को सरल बनाने के लिए याद रखी जाएगी, बल्कि इसलिए भी कि इसमें वित्त मंत्री का सख्त और निर्णायक रुख सामने आया। “आज ही फैसला होगा” वाली उनकी लाइन ने परिषद की दिशा बदल दी और अंततः ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। अब सभी की नज़रें इस पर होंगी कि लागू होने के बाद ये बदलाव बाज़ार और उपभोक्ताओं की जेब पर किस तरह असर डालते हैं।

Leave a Comment

और पढ़ें