गुजरात में ‘डायल 112 जनरक्षक’ सेवा की शुरुआत, अमित शाह बोले– 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

गांधीनगर/अहमदाबाद। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को गुजरात में एकीकृत आपातकालीन सेवा ‘डायल 112—जनरक्षक’ (ERSS) का शुभारंभ किया। इस सेवा के तहत अब पुलिस, फायर, एम्बुलेंस, महिला व बाल हेल्पलाइन और आपदा जैसी सभी आपात स्थितियों के लिए सिर्फ एक नंबर 112 डायल करना होगा।

इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी भी मौजूद रहे। शाह ने इस अवसर पर देश से माओवाद (नक्सलवाद) को मार्च 2026 तक पूरी तरह खत्म करने का संकल्प दोहराया और कहा कि सरकार तय समयसीमा पर अडिग है।

‘डायल 112 जनरक्षक’ की खासियतें

एकीकृत हेल्पलाइन नंबर – अब अलग-अलग टोल-फ्री नंबर याद रखने की आवश्यकता नहीं।

500 जनरक्षक वाहन तैनात – इन्हें हरी झंडी दिखाकर राज्यभर में रवाना किया गया।

₹92 करोड़ का प्रावधान – वाहनों और सेवा के रखरखाव के लिए बजट तय किया गया है।

स्मार्ट पुलिसिंग की ओर कदम – जीपीएस से जुड़े वाहन, केंद्रीकृत कमांड-एंड-कंट्रोल और मल्टी-एजेंसी इंटीग्रेशन।

नजदीकी यूनिट भेजने की व्यवस्था – जिससे थाना-सीमा की बाधाएँ खत्म होंगी और तुरंत सहायता पहुँचेगी।

गृह मंत्री शाह ने इसे ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ की दिशा में बड़ा बदलाव बताते हुए कहा कि इस सेवा से लोगों को तेज और बेहतर सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि नई प्रणाली से पुलिस और आपात सेवाओं की गति और गुणवत्ता में सुधार होगा।

नक्सलवाद खत्म करने की समयसीमा

अमित शाह ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलवाद से मुक्त करना है। उनके अनुसार, “बारिश हो या धूप, यह लक्ष्य हर हाल में पूरा किया जाएगा।”

मौजूदा स्थिति

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2010 के मुकाबले 2024 में नक्सली घटनाएँ 73–81% तक कम हुई हैं और मौतों में 85–86% की कमी आई है।

नक्सल हिंसा प्रभावित थानों की संख्या 2010 में 465 से घटकर 2023 में 171 रह गई।

2024 के मध्य तक हिंसा केवल 30 जिलों के 89 थानों तक सीमित रह गई है।

महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले के अबूझमाड़ इलाके में केवल करीब 25 उग्रवादी सक्रिय बचे होने का अनुमान है।

ओडिशा ने बड़गाड़ जिले को आधिकारिक रूप से माओवादी-मुक्त क्षेत्र घोषित कर दिया है।

हालांकि, कुछ सुरक्षा विशेषज्ञ समयसीमा को लेकर संशय जता रहे हैं। उनका कहना है कि सुरक्षा अभियानों के साथ-साथ विकास, पुनर्वास और मानवाधिकार संबंधी चुनौतियों का समाधान भी जरूरी है।

जनता के लिए उपयोगी जानकारी

अब गुजरात के किसी भी कोने में पुलिस, एम्बुलेंस, फायर या महिला/बाल सुरक्षा जैसी किसी भी आपात स्थिति के लिए सिर्फ 112 डायल करें। यह प्रणाली कॉल कटने पर भी ऑटो-रिटर्न कॉल की सुविधा देती है। पुराने नंबर कुछ समय तक सक्रिय रहेंगे, लेकिन धीरे-धीरे सभी सेवाएँ एकीकृत होकर 112 में समाहित हो जाएँगी।

निष्कर्ष

गुजरात में ‘डायल 112 जनरक्षक’ का शुभारंभ राज्य की आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को आधुनिक और फुर्तीला बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। वहीं, माओवाद खत्म करने की समयसीमा केंद्र सरकार की सुरक्षा और विकास आधारित रणनीति को रेखांकित करती है। मौजूदा आंकड़े सरकार के आत्मविश्वास को मजबूत करते हैं, हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि सामाजिक-आर्थिक और मानवाधिकार पहलुओं पर ध्यान देना स्थायी सफलता की कुंजी होगी।

Leave a Comment

और पढ़ें