कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़, किसान उसकी आत्मा – पीएम मोदी के नेतृत्व में नई पहल

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कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा, किसानों की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है।

कृषि में उत्पादन लगातार बढ़े, लागत घटे, उत्पादन का ठीक दाम मिले, प्राकृतिक आपदा में राहत मिले, कृषि का विविधीकरण हो और धरती आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अन्न उत्पादित करती रहे। इसका प्रयास हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में कृषि विभाग लगातार करता रहा है।

गेहूं हमारी प्रमुख फसल है और जौ का भी अपना महत्व है। गेहूं अनेक तरह की कठिनाइयों का सामना कर रहा है। एक जमाना वह था, जब हम अमेरिका से PL480 लाल गेहूं आयात करके खाते थे, लेकिन आज मैं अपने किसानों को धन्यवाद दूंगा, वैज्ञानिकों को धन्यवाद दूंगा, विशेषकर हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 10 साल में लगभग 44% उत्पादन फसलों का बढ़ा है और गेहूं के उत्पादन में भी हमने नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। लेकिन, आने वाले समय जो चुनौतियां हमारे सामने हैं, उनका मुकाबला करते हुए हम ऐसी किस्मों का विकास करें, जिससे गेहूं का उत्पादन घटे नहीं, लगातार बढ़ता रहे।

गेहूं की नई किस्में हमारे वैज्ञानिकों ने विकसित की हैं। उनमें बायोफोर्टिफाइड फसलें भी हैं, जो पोषण के लिए बहुत उपयुक्त हैं। ग्लूटिन की मात्रा कैसे गेहूं में कम हो, इसका भी हम प्रयत्न कर रहे हैं। बढ़ते तापमान और कम पानी में भी कैसे गेहूं के उत्पादन को हम और बढ़ा पाएं, इसकी कोशिश भी हम कर रहे हैं। और आज इसीलिए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का चिंतन का कार्यक्रम ग्वालियर में आयोजित है, जिसमें देशभर के हमारे जाने-माने ख्यातिनाम वैज्ञानिक भी हैं, प्रगतिशील किसान भी हैं।

आज हम यहां गेहूं पर भी चर्चा करेंगे और गेहूं के साथ-साथ हम जौ पर भी चर्चा करेंगे। जौ एक बहुत महत्वपूर्ण फसल है, पोषण की दृष्टि से, जिसका अत्यंत महत्व है। हमारे रबी के पूरे प्लान को करने के लिए दो फसलों का चक्र मुख्यत है – खरीफ और रबी। रबी में हम कैसे फसलों का बेहतर उत्पादन करें, इसके लिए रबी कॉन्फ्रेंस 14-15 सितंबर को हमने दिल्ली में बुलाई है। राज्य सरकारों के कृषि मंत्री और सारे अधिकारी, विशेषज्ञ और केंद्र सरकार के सारे अधिकारी, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ सभी उन पर विचार करेंगे।

एक बार फिर जो लैब में शोध होता है, रिसर्च और अनुसंधान होता है, उसे हम सीधे लैंड तक लेकर जाएं। इसके लिए पहले विकसित कृषि संकल्प अभियान हमने खरीफ की फसल के लिए भी चलाया था। अब रबी की फसल के लिए भी 3 अक्टूबर से विकसित कृषि संकल्प अभियान प्रारंभ होगा, उसकी तैयारी भी हम कर रहे हैं।

आज मेरा सौभाग्य है कि इस गालवऋषि की पवित्र धरा पर आज गेहूं और जौ पर विचार-मंथन हो रहा है।

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