नई दिल्ली, 26 अगस्त 2025। दिल्ली की राजनीति मंगलवार को उस समय गरमा गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के आवास सहित 13 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली सरकार की अस्पताल और स्वास्थ्य परियोजनाओं से जुड़ी कथित वित्तीय अनियमितताओं पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई।
ED की कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, सुबह से ही दिल्ली-एनसीआर में अलग-अलग स्थानों पर ईडी की टीमें पहुँचीं। जिन परिसरों पर छापे पड़े, उनमें सौरभ भारद्वाज का आवास और कुछ निर्माण कंपनियों के दफ़्तर भी शामिल हैं। एजेंसी का कहना है कि यह कार्रवाई उन परियोजनाओं से जुड़ी है जिनमें लागत बढ़ोतरी, देरी और टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ियों की शिकायतें मिली थीं।
अस्पताल निर्माण घोटाले की पृष्ठभूमि
दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में अस्पतालों, आईसीयू ब्लॉकों और पॉलीक्लिनिकों के निर्माण के लिए बड़े बजट को मंजूरी दी थी। आरोप है कि कई प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं हुए और लागत अपेक्षा से कहीं ज्यादा बढ़ गई। इन्हीं आरोपों की जांच आगे बढ़ाते हुए ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल खंगालना शुरू किया है।
AAP का पलटवार
छापेमारी के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी ने प्रेस ब्रीफिंग कर इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बताया। पार्टी का कहना है कि जिस मामले में छापा डाला गया, वह उस समय का है जब सौरभ भारद्वाज मंत्री पद पर नहीं थे। AAP ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह ऐसे कदम उठाकर जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाना चाहती है।
नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
AAP प्रवक्ताओं ने कहा, “यह केस फर्जी है। बीजेपी सरकार और उसकी एजेंसियां बार-बार हमारी छवि खराब करने की कोशिश कर रही हैं।”
सौरभ भारद्वाज ने भी पार्टी लाइन पर प्रतिक्रिया दी कि अस्पताल निर्माण की अधिकांश परियोजनाएँ उनके कार्यकाल से पहले की हैं, इसलिए उन्हें इसमें फंसाना राजनीतिक साजिश है।
आगे की कार्रवाई
ED ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि छापेमारी में क्या बरामद हुआ। एजेंसी की ओर से जब्ती, समन या अन्य कानूनी कार्रवाई को लेकर जल्द ही आधिकारिक जानकारी दी जा सकती है। वहीं, AAP ने संकेत दिए हैं कि वह इस मामले को कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर चुनौती देगी।
