ट्रंप टैरिफ विवाद के बीच रूस का ऐलान: भारत को कच्चे तेल पर 5% छूट

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नई दिल्ली, 20 अगस्त 2025।

अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद के बीच रूस ने साफ कर दिया है कि वह भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति जारी रखेगा। इसके साथ ही रूस ने यह भी कहा है कि भारतीय रिफाइनरियों को औसतन करीब 5 प्रतिशत तक की छूट उपलब्ध कराई जा रही है।

रूस का बयान

नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास और व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय ने जानकारी दी कि भारत के लिए एक विशेष व्यवस्था लागू की गई है, जिससे आपूर्ति और भुगतान में कोई रुकावट नहीं आएगी। रूसी अधिकारी एवगेनी ग्रिवा ने स्पष्ट किया कि मौजूदा स्तर पर भारत को रूसी तेल की सप्लाई बनी रहेगी और मूल्य लाभ भी मिलता रहेगा।

पृष्ठभूमि: अमेरिका का दबाव

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाया है। अब कुल मिलाकर करीब 50% तक टैरिफ भार भारतीय निर्यात पर पड़ रहा है। अमेरिका का तर्क है कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने से मॉस्को को आर्थिक सहारा मिल रहा है।

भारत की स्थिति

भारत ने दोहराया है कि उसकी प्राथमिकता सस्ती और स्थायी ऊर्जा आपूर्ति है। इसीलिए वह बाजार में उपलब्ध सबसे किफायती स्रोत से तेल खरीदता रहेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिकी दबाव के बावजूद रूस से आयात में तुरंत कोई बड़ी कटौती नहीं होगी।

कूटनीतिक पहल

साल के अंत तक नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात प्रस्तावित है। इस बैठक में ऊर्जा सहयोग, भुगतान व्यवस्था और भविष्य की आपूर्ति प्रमुख एजेंडा होंगे।

भारत के लिए संकेत

लागत में लाभ: 5% छूट से रिफाइनरियों की खरीद लागत घट सकती है।

आपूर्ति सुरक्षा: रूस ने “विशेष मैकेनिज़्म” से सप्लाई बनाए रखने का भरोसा दिया है।

व्यापारिक दबाव: अमेरिकी टैरिफ से भारतीय निर्यातकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

निष्कर्ष

रूस का यह कदम बताता है कि भारत के लिए कच्चे तेल की आपूर्ति और ऊर्जा सुरक्षा प्राथमिकता बनी रहेगी। आने वाले समय में भारत को अपने व्यापारिक हित और ऊर्जा आवश्यकताओं के बीच संतुलन साधना होगा।

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