नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सरकार के विभागाध्यक्षों (HoDs) और प्रशासनिक सचिवों के वित्तीय अधिकारों में बढ़ोतरी कर दी है। मुख्यमंत्री का कहना है कि इस निर्णय से सुशासन को तो गति मिलेगी ही साथ ही विभिन्न सरकारी योजनाओं को गति मिलेंगी और वह समय पर पूरी भी हो जाएंगी। मुख्यमंत्री का कहना है कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विचारों से प्रेरणा लेती है। प्रधानमंत्री जी का कहना है कि सभी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं समय पर पूरी हों। इससे नागरिकों को सेवाएं मिलने में देरी नहीं होगी। मुख्यमंत्री के अनुसार प्रशासनिक सचिव अब सभी आईटी संबंधी वस्तुओं की खरीद, मरम्मत, किराए पर लेना और रखरखाव के अलावा उपकरणों आदि की सीधे खरीद कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने आज बताया कि करीब छह साल बाद अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में बदलाव किया गया है। पिछला बदलाव 07 अगस्त 2019 को किया गया था। उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में प्रशासनिक व वित्तीय सिस्टम में प्रभावी बदलाव हुए हैं। इसके अलावा तकनीकी प्रगति, महंगाई के कारण लागत में वृद्धि, नई व जन-कल्याणाकारी योजनाओं को पूरा करने में भी कई परिवर्तन आए हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी को ‘विकसित दिल्ली’ बनाने और सरकारी योजनाओं का लाभ जनता को जल्द व समय पर पहुंचाने के लिए हमारी सरकार का बजट इस साल बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि उस समय वह 54,800 करोड़ रुपये था। इसलिए निर्णय लिया गया है कि विभागीय कार्यों को अनावश्यक देरी से बचाने, योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन और उन्हें समय पर पूरा करने के लिए आवंटित बजट का प्रभावी उपयोग किया जाए, इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने यह भी जानकारी दी कि विशेष मामलों में प्रशासनिक सचिवों को पूर्ण वित्तीय अधिकार प्रदान किए गए हैं। इनमें व्यक्तिगत कंसल्टेंट्स, कंसल्टेंसी, प्रोफेशनल्स, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) आदि की नियुक्ति के अलावा सभी आईटी संबंधी वस्तुओं की खरीद, मरम्मत, किराए पर लेना और रखरखाव व मानव संसाधन की नियुक्ति, उपकरणों की खरीद व कंडम वाहनों के स्थान पर नए वाहनों की खरीद शामिल है। मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने विश्वास व्यक्त किया है कि वित्तीय अधिकारों में यह बदलाव आम जन के भरोसे की रक्षा और दिल्ली के विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए किया गया है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि जन-धन का सही समय पर, सही जगह और सही उद्देश्य के लिए उपयोग हो। यह निर्णय न केवल सुशासन को सुदृढ़ करेगा, बल्कि जनता तक सेवाओं के वितरण को भी और अधिक प्रभावी एवं समयबद्ध बनाएगा, साथ ही फाइलों के अनावश्यक विभागीय आवागमन के कारण हो रहे विलंब को रोका जा सकेगा।
