दिल्ली के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में चल रहे SEMICON India 2025 सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुँचे और देश-विदेश से आए उद्योगपतियों, निवेशकों और नीति-निर्माताओं को संबोधित किया। इस आयोजन में सेमीकंडक्टर सेक्टर से जुड़े सैकड़ों प्रतिनिधि और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हुए। सम्मेलन का उद्देश्य भारत को वैश्विक चिप उत्पादन और डिजाइन हब के रूप में स्थापित करना है।
प्रधानमंत्री का मुख्य संदेश
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि चिप्स इस सदी के “डिजिटल डायमंड” हैं और इनकी मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब इस क्षेत्र में सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने निवेशकों को आश्वस्त किया कि सरकार प्रक्रियाओं को सरल बना रही है और “कागजी कार्रवाई कम होने से वाफ़र और चिप उत्पादन की गति तेज़ होगी।”
वाणिज्यिक उत्पादन की तैयारी
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत जल्द ही वाणिज्यिक स्तर पर चिप उत्पादन शुरू करने जा रहा है। कई अरब डॉलर के प्रोजेक्ट्स निर्माण चरण में हैं और 2030 तक देश का सेमीकंडक्टर बाज़ार कई गुना बढ़ने की संभावना है। इससे भारत न सिर्फ अपनी घरेलू ज़रूरतें पूरी करेगा, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का अहम हिस्सा भी बनेगा।
‘Made in India’ चिप्स का प्रदर्शन
सम्मेलन में प्रधानमंत्री को भारतीय कंपनियों द्वारा तैयार किए गए शुरुआती चिप्स और प्रोसेसर दिखाए गए। इनमें ‘विक्रम’ जैसे स्वदेशी स्पेस प्रोसेसर भी शामिल रहे, जिन्हें हाल ही में लॉन्च किया गया है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि भारत अब डिजाइन, पैकेजिंग और निर्माण—सभी स्तरों पर कदम बढ़ा रहा है।
कौशल और सहयोग पर ज़ोर
PM मोदी ने कहा कि चिप उद्योग को केवल पूंजी ही नहीं, बल्कि प्रशिक्षित मानव संसाधन की भी ज़रूरत है। इसी उद्देश्य से भारत ने कई अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और टेक कंपनियों के साथ समझौते किए हैं, ताकि युवाओं को फैब्रिकेशन, डिजाइन और परीक्षण के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जा सके।
निवेशकों को संदेश
प्रधानमंत्री ने वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत आज “Designed in India, Made in India, Trusted by the World” की नीति पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारत में निवेश करना सुरक्षित और लाभकारी है, क्योंकि सरकार नीतियों को लगातार सरल बना रही है और निवेशक-अनुकूल माहौल तैयार कर रही है।
देश के लिए महत्व
विशेषज्ञों का मानना है कि सेमीकंडक्टर उत्पादन से भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनने के भारत के संकल्प को यह क्षेत्र और मजबूती देगा।
निष्कर्ष
SEMICON India 2025 के दूसरे दिन पीएम मोदी का जोर इस बात पर रहा कि कम कागज़, तेज़ उत्पादन ही भारत की चिप क्रांति को सफल बनाएगा। सरकार अब निवेशकों को सहज वातावरण देने, स्थानीय नवाचार को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के माध्यम से भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने के मिशन पर काम कर रही है।
