बिहार कैबिनेट मीटिंग: युवाओं के लिए आयोग, महिलाओं को स्वरोजगार सहायता और सरकारी नौकरी में आरक्षण

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पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार कैबिनेट बैठक में महिलाओं और युवाओं के हित में कई अहम फैसले लिए गए। इन फैसलों का सीधा असर राज्य की लाखों महिलाओं और युवाओं पर पड़ने वाला है। सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में विशेष आरक्षण देने से लेकर स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने तक के निर्णय लिए हैं। साथ ही महिला कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल के नजदीक आवास और युवाओं के लिए आयोग गठन की भी मंजूरी दी गई है।

सबसे बड़ा फैसला महिलाओं के रोजगार से जुड़ा है। बिहार सरकार ने घोषणा की है कि राज्य सरकार की सभी सीधी भर्तियों में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया जाएगा। यह आरक्षण केवल बिहार की स्थायी/मूल निवासी महिलाओं के लिए होगा। यानी बाहर से आकर आवेदन करने वाली महिलाओं को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। सरकार का कहना है कि इस कदम से स्थानीय महिलाओं की भागीदारी सरकारी सेवाओं में और अधिक बढ़ेगी।

इसके साथ ही कैबिनेट ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना को भी मंजूरी दी। इस योजना के तहत महिलाओं को छोटे कारोबार या स्वरोजगार शुरू करने के लिए शुरुआती तौर पर ₹10,000 की राशि सीधे उनके खाते में दी जाएगी। बाद में कारोबार की प्रगति के आधार पर यह आर्थिक सहायता दो लाख रुपये तक भी बढ़ाई जा सकती है। सरकार का दावा है कि इससे ग्रामीण और शहरी इलाकों की महिलाएँ आत्मनिर्भर बनेंगी और घर-परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

बैठक में युवाओं को ध्यान में रखते हुए बिहार यूथ कमीशन (Bihar Youth Commission) के गठन को भी हरी झंडी दी गई। यह आयोग युवाओं की स्किलिंग, रोजगार और भर्ती से जुड़ी योजनाओं पर काम करेगा। आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार दोनों में बेहतर अवसर मिलें।

महिला कर्मचारियों की सुविधा के लिए कैबिनेट ने एक और बड़ा निर्णय लिया। अब राज्य सरकार लगभग चार लाख महिला कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल के पास आवास सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसमें शिक्षिकाएँ, महिला सिपाही और पंचायत से लेकर सचिवालय तक की महिला कर्मचारी शामिल होंगी। सरकार का कहना है कि इस कदम से महिलाओं की कार्य-जीवन संतुलन और सुरक्षा दोनों में सुधार होगा।

कैबिनेट ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले दिव्यांग और अन्य योग्य उम्मीदवारों को भी राहत दी है। अब BPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले दिव्यांग उम्मीदवारों को ₹50,000 और UPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वालों को ₹1,00,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, ताकि वे मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी अच्छे से कर सकें।

इन सभी निर्णयों के जरिए सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह महिलाओं और युवाओं के सशक्तिकरण पर फोकस कर रही है। जहां एक तरफ महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों और स्वरोजगार का रास्ता आसान किया गया है, वहीं दूसरी तरफ युवा आयोग जैसी पहल से युवाओं की आकांक्षाओं को नई दिशा देने की कोशिश की जा रही है।

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इन योजनाओं की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार इन्हें कितनी पारदर्शिता और दक्षता के साथ लागू करती है। खासकर 35% आरक्षण के नियम में स्थायी निवास का प्रमाण और चयन प्रक्रिया को लेकर कानूनी व प्रशासनिक चुनौतियाँ आ सकती हैं।

फिर भी यह तय है कि बिहार कैबिनेट के इन फैसलों से आने वाले दिनों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और राज्य के विकास में स्थानीय लोगों की भूमिका और मजबूत होगी।

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