प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 अक्टूबर 2025 को बिहार के युवाओं से वर्चुअल संवाद किया, जिसमें उन्होंने राज्य के विकास और युवाओं के लिए योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बिहार में राजद के शासनकाल को ‘जंगलराज’ और ‘कुशासन’ करार देते हुए कहा कि उस समय राज्य की स्थिति काफी खराब थी और युवाओं के अवसर सीमित हो गए थे। पीएम मोदी ने कहा कि विपक्षी दलों की नीतियों ने बिहार के विकास में बाधाएं पैदा की हैं और युवा वर्ग के रोजगार और शिक्षा के अवसरों को प्रभावित किया।
इस संवाद में प्रधानमंत्री ने बिहार के युवाओं के कौशल और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए ₹60,000 करोड़ की PM-SETU योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत देशभर के 1,000 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITIs) को उन्नत किया जाएगा। इसके माध्यम से युवाओं को आधुनिक उद्योग-सम्बंधित कौशल प्रशिक्षण मिलेगा और रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। पीएम मोदी ने कहा कि यह योजना विशेष रूप से उन युवाओं के लिए है, जो तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा में रुचि रखते हैं।
प्रधानमंत्री ने साथ ही मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का नवीनीकरण किया। इस योजना के अंतर्गत बिहार के लगभग 5 लाख स्नातक युवाओं को दो वर्षों तक प्रतिमाह ₹1,000 की सहायता राशि दी जाएगी, जिससे वे शिक्षा से रोजगार की ओर आसानी से बढ़ सकें।
युवाओं के लिए कौशल शिक्षा को और बढ़ावा देने के लिए जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है, जो विभिन्न उद्योगों के अनुरूप पाठ्यक्रम और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करेगा। इसके अलावा, पटना के बिहटा में NIT पटना के नए परिसर का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री ने किया, जिससे राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और तकनीकी शिक्षा में नई दिशा मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर बिहार में पूर्व सरकारों के कार्यकाल की तुलना करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने विकास और युवाओं के अवसरों को नजरअंदाज किया। उन्होंने विशेष रूप से राजद के शासनकाल की आलोचना की, जिसे उन्होंने कुशासन और भ्रष्टाचार से भरा बताया।
विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री की घोषणाओं पर सवाल उठाए। कांग्रेस ने इसे ‘वोट की रेवड़ी’ करार दिया, जबकि राजद ने इसे चुनावी स्टंट बताया। इसके बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि यह संवाद युवाओं को कौशल, रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा देने वाला कदम है, जो आगामी विधानसभा चुनावों में एक महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा बन सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, PM-SETU जैसी योजनाएं लंबे समय में बिहार के आर्थिक विकास और युवा सशक्तिकरण में मदद कर सकती हैं। इसके तहत मिलने वाले कौशल प्रशिक्षण से युवाओं को निजी और सरकारी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वहीं, उच्च शिक्षा संस्थानों के आधुनिकीकरण से तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे बिहार के युवाओं का प्रतिस्पर्धात्मक स्तर भी बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का यह वर्चुअल संवाद यह स्पष्ट संदेश देता है कि बिहार में युवाओं के कौशल, शिक्षा और रोजगार को प्राथमिकता दी जा रही है और राज्य में विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार सक्रिय भूमिका निभा रही है।
