प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित पहले ‘कौशल दीक्षांत समारोह’ में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) के छात्रों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “आज का भारत कौशल को प्राथमिकता देता है” और युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।
समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने देशभर से आए 46 आईटीआई टॉपर्स को सम्मानित किया, जिनमें बिहार के छात्रों ने भी शानदार प्रदर्शन किया और राज्य को यह गौरव दिलाया। प्रधानमंत्री ने छात्रों के कठिन परिश्रम और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि ये युवा भारत के उज्जवल भविष्य का प्रतीक हैं।
बिहार में युवाओं के लिए प्रधानमंत्री ने 62,000 करोड़ रुपये की योजनाओं की घोषणा की। इन योजनाओं में प्रधानमंत्री कौशल और रोजगार परिवर्तन योजना (PM-SETU) शामिल है, जिसके तहत 1,000 सरकारी आईटीआई को उन्नत किया जाएगा, जिसमें 200 हब आईटीआई और 800 स्पोक आईटीआई होंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के तहत हर साल लगभग 5 लाख स्नातक युवाओं को 1,000 रुपये मासिक भत्ता और नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण मिलेगा। बिहार छात्र क्रेडिट कार्ड योजना के पुनर्निर्माण के तहत छात्रों को 4 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण मिलेगा, जिससे उच्च शिक्षा की वित्तीय बाधाएं कम होंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कौशल विकास और शिक्षा में निवेश को भारत की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कक्षा 6 से कौशल शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि स्किल इंडिया डिजिटल पोर्टल पर 4 करोड़ से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया है, जो इस दिशा में सरकार की सफलता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने भारत को वैश्विक कौशल मानचित्र में अग्रणी बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि देश की युवा शक्ति सबसे बड़ी संपत्ति है, जिसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है और यह दर्शाता है कि सरकार कौशल विकास को राष्ट्रीय विकास की कुंजी मानती है। बिहार में घोषित योजनाएं राज्य के युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेंगी, जिससे वे अपने सपनों को साकार कर सकेंगे।
