राजनाथ सिंह ने भुज में सैनिकों के साथ विजयादशमी समारोह में भाग लिया, ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की

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गुजरात के भुज स्थित रणनीतिक सैन्य अड्डे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजयादशमी (दशहरा) का पर्व सैनिकों के साथ मनाया। इस अवसर पर उन्होंने शस्त्र पूजा में भाग लिया और भारतीय सेना की वीरता, समर्पण और देशभक्ति को सलाम किया। विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजा भारतीय सेना की एक पुरानी परंपरा है, जिसमें सैनिक अपने हथियारों की पूजा करते हैं और राष्ट्र की रक्षा तथा अपने कर्तव्यों के प्रति संकल्प लेते हैं।

भुज सैन्य अड्डा न केवल रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट होने के कारण क्षेत्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी अहम है। इस अड्डे से भारतीय सेना को सीमा पर सतत निगरानी और सुरक्षा बनाए रखने में मदद मिलती है। वहीं, ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान भी यहीं से संचालित होते हैं, जो आतंकवाद रोधी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए निर्णायक साबित हुए हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में भारतीय सेना की ताकत और उपलब्धियों का जिक्र करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को विशेष रूप से हाइलाइट किया। यह ऑपरेशन आतंकवाद रोधी अभियान था, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-नियंत्रित कश्मीर में स्थित नौ आतंकवादी शिविरों को उच्च तकनीकी और रणनीतिक कौशल के साथ नष्ट किया। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में ब्रह्मोस मिसाइल का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिसने आतंकवादी संरचनाओं को सटीकता के साथ तबाह किया। इसके परिणामस्वरूप 15 से अधिक देशों ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में रुचि दिखाई। रक्षा मंत्री ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर की सफलता भारतीय सेना की आधुनिक तकनीक और रणनीतिक दक्षता का स्पष्ट प्रमाण है। यह हमारी सैन्य क्षमता का गौरवपूर्ण प्रदर्शन है।”

इस मौके पर रक्षा मंत्री ने सैनिकों से आधुनिक तकनीकों को अपनाने और प्रशिक्षण को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आज के समय में सुरक्षा चुनौतियाँ अधिक जटिल और बहुआयामी हो गई हैं। साइबर खतरों, ड्रोन हमलों और सीमा पर असामान्य गतिविधियों के कारण सैनिकों को हमेशा सतर्क और तैयार रहना आवश्यक है। उन्होंने जवानों को यह भी संदेश दिया कि तकनीकी कौशल के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक तैयारी भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

भुज अड्डे पर आयोजित बाराखाना (सैन्य रात्रिभोज) और सामूहिक गतिविधियों ने सैनिकों में एकता और भाईचारे की भावना को और मजबूत किया। यह आयोजन न केवल सेना की परंपराओं को दर्शाता है बल्कि जवानों को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक और प्रेरित भी करता है। रक्षा मंत्री ने इस दौरान सैनिकों से संवाद करते हुए उनकी समस्याओं और सुझावों को भी सुना, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भारतीय सेना की नेतृत्व टीम जवानों की भलाई और दक्षता को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।

राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर पाकिस्तान को भी चेतावनी दी, जिसमें उन्होंने भारतीय सेना की तत्परता और रणनीतिक क्षमता का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरतता और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की योजना और क्रियान्वयन में भारतीय सेना ने अत्याधुनिक तकनीक और सूक्ष्म रणनीतियों का उपयोग किया, जो भविष्य में अन्य सुरक्षा अभियानों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगा।

भुज अड्डे का महत्व सिर्फ सीमा सुरक्षा तक सीमित नहीं है। यह अड्डा राष्ट्रीय सुरक्षा, रणनीतिक हथियार प्रणालियों, आतंकवाद रोधी अभियानों और विभिन्न संयुक्त सैन्य अभ्यासों के लिए भी केंद्रीय भूमिका निभाता है। रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में भारतीय सेना के जवानों की वीरता, समर्पण और निरंतर प्रशिक्षण को विशेष रूप से सराहा। उन्होंने कहा कि देशवासियों को भारतीय सेना पर हमेशा भरोसा होना चाहिए, क्योंकि ये जवान न केवल हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा और सम्मान के प्रतीक भी हैं।

रक्षा मंत्री का यह दौरा भारतीय सेना की तत्परता, आधुनिक तकनीकों के उपयोग और सैनिकों की प्रशिक्षण प्रणाली की प्रभावशीलता को प्रदर्शित करता है। साथ ही यह संकेत देता है कि भारत अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों और क्षेत्रीय स्थिरता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने जवानों को यह भी याद दिलाया कि भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए सतत प्रशिक्षण, नई तकनीकों को अपनाना और मानसिक दृढ़ता बनाए रखना अनिवार्य है।

इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने शस्त्र पूजा के दौरान भारतीय सेना की परंपराओं को सम्मानित करते हुए जवानों को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग और प्रेरित रहने का संदेश दिया। उनके अनुसार, भारतीय सेना देश की रक्षा और जनता की सुरक्षा के लिए हमेशा चौकस रहती है और किसी भी संकट की स्थिति में तत्काल कार्रवाई करने में सक्षम है।

भुज में आयोजित इस विजयादशमी समारोह ने भारतीय जनता को भी यह संदेश दिया कि देश की सीमाओं की सुरक्षा में सैनिक हर समय तत्पर हैं। साथ ही यह आयोजन भारतीय सेना की आधुनिकता, उच्च तकनीकी क्षमता और रणनीतिक दक्षता का उदाहरण भी है। रक्षा मंत्री के दौरे और उनके संबोधन ने सैनिकों के मनोबल को और बढ़ाया, जबकि देशवासियों में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति विश्वास को मजबूत किया।

इस तरह, भुज में विजयादशमी का यह समारोह केवल एक धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन नहीं था, बल्कि भारतीय सेना की शक्ति, तत्परता, आधुनिक तकनीकी कौशल और देशभक्ति की उत्कृष्ट मिसाल भी प्रस्तुत करता है।

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