यूएन महासभा में नेतन्याहू का एलान: “हमास खत्म होने तक नहीं रुकेगा अभियान”

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संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को बेहद आक्रामक लहजे में भाषण दिया। उन्होंने साफ कहा कि कई पश्चिमी देश अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते फिलिस्तीन को मान्यता देने जैसे फैसले ले रहे हैं, लेकिन “इज़राइल कभी दबाव में नहीं झुकेगा।” नेतन्याहू ने अपने संबोधन में इज़राइल के हमास के खिलाफ जारी अभियान को “अनिवार्य” बताते हुए दोहराया कि यह ऑपरेशन तब तक चलेगा जब तक हमास को पूरी तरह समाप्त नहीं कर दिया जाता।

भाषण के दौरान नेतन्याहू ने गाज़ा में फंसे बंधकों का मुद्दा उठाते हुए हमास को सीधे संदेश दिया—“यदि तुम हथियार डाल दो तो जी सकते हो, अन्यथा इज़राइल तुम्हें खोजकर मार देगा।” उन्होंने यह भी दावा किया कि गाज़ा के लोगों तक उनका संदेश पहुँचाने के लिए इसे लाउडस्पीकरों और मोबाइल संदेशों के जरिए प्रसारित किया गया, जो एक असामान्य और विवादित कदम माना जा रहा है।

नेतन्याहू ने विशेष रूप से फ्रांस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों की आलोचना की, जिन्होंने हाल ही में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी है। उनके अनुसार यह फैसला “हिंसा और आतंकवाद को पुरस्कार देने” जैसा है और इससे गलत संदेश जाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि इज़राइल कभी फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को अनुमति नहीं देगा, चाहे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कितनी भी निंदा क्यों न हो।

उनके भाषण के दौरान महासभा कक्ष में कई प्रतिनिधि बाहर निकल गए और कुछ जगहों पर विरोध-प्रदर्शन तथा नारेबाजी भी देखी गई। यह दृश्य इस बात का संकेत था कि वैश्विक स्तर पर इज़राइल की नीतियों को लेकर गहरी असहमति और विभाजन है।

इस संबोधन की अहमियत इसलिए और बढ़ जाती है क्योंकि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICC) ने नेतन्याहू पर युद्ध अपराधों को लेकर आरोप तय किए हैं और गाज़ा में मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है। हजारों नागरिकों की मौत और बड़े पैमाने पर विस्थापन ने वैश्विक मंचों पर इज़राइल की छवि को और कठघरे में खड़ा कर दिया है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा का यह सत्र ऐसे समय हो रहा है जब फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता और गाज़ा युद्ध पर असामान्य स्तर की चर्चा हो रही है। कई देश इज़राइल की नीतियों के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं, जबकि नेतन्याहू का संदेश स्पष्ट है—“दुनिया दबाव डाल सकती है, लेकिन इज़राइल पीछे नहीं हटेगा।”

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