पीएम मोदी का गुजरात दौरा: 34,200 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ, ‘समुद्र से समृद्धि’ पर जोर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (20 सितंबर) गुजरात के भावनगर दौरे पर हैं। यहां वे ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में शामिल होकर राज्य और केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री कुल ₹34,200 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की सौगात देंगे, जिनका सीधा संबंध समुद्री विकास, ऊर्जा, अवसंरचना और रोजगार से है।

समुद्री क्षेत्र को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन

प्रधानमंत्री जिन परियोजनाओं का उद्घाटन करने जा रहे हैं, उनमें समुद्री और बंदरगाह संबंधी विकास कार्य प्रमुख हैं। करीब ₹7,870 करोड़ की लागत से इन प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जाएगा। इसके तहत मुंबई इंटरनेशनल क्रूज़ टर्मिनल (इंदिरा डॉक) का उद्घाटन होगा, साथ ही कई कंटेनर टर्मिनल और मल्टी-कार्गो टर्मिनलों का शिलान्यास भी किया जाएगा। इनसे गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे पश्चिमी भारत में लॉजिस्टिक और व्यापारिक गतिविधियों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

ऊर्जा और औद्योगिक परियोजनाएँ

समुद्री क्षेत्र के अलावा ऊर्जा और औद्योगिक निवेश से जुड़ी परियोजनाएँ भी इस पैकेज में शामिल हैं। इनमें चारा पोर्ट (Chhara Port) पर HPLNG रिगैसिफिकेशन टर्मिनल, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) का ऐक्रिलिक्स और ऑक्सो-एल्कोहल प्रोजेक्ट, 600 मेगावाट की ‘ग्रीन शू’ पहल, प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-KUSUM) के तहत सोलर फीडर और 45 मेगावाट का बादेली सोलर पीवी प्रोजेक्ट शामिल हैं। इसके अलावा कच्छ के धोरड़ो गाँव का पूर्ण सौरिकरण भी किया जाएगा। इन परियोजनाओं की कुल लागत करीब ₹26,354 करोड़ आंकी गई है।

पीएम का कार्यक्रम

प्रधानमंत्री मोदी भावनगर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वे धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (Dholera SIR) का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। दौरे के अंतर्गत वे लोथल स्थित राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (National Maritime Heritage Complex) का भी दौरा करेंगे, जो भारत की समुद्री परंपरा और इतिहास को दर्शाने के लिए विकसित किया जा रहा है।

निवेश और MoU पर जोर

इस कार्यक्रम के दौरान बंदरगाह, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय से जुड़े कई समझौता ज्ञापन (MoUs) और निवेश प्रस्तावों का भी आदान-प्रदान होगा। इन MoUs के जरिए समुद्री क्षेत्र में व्यापक निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे व्यापार, निर्यात और क्षेत्रीय रोजगार सृजन को बल मिलेगा।

क्यों अहम है यह दौरा?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्यक्रम भारत की “ब्लू इकोनॉमी” यानी समुद्री-आधारित विकास को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम है। गुजरात जैसे तटीय राज्य में बंदरगाह क्षमता बढ़ाने से व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलेगी, वहीं ऊर्जा और औद्योगिक परियोजनाओं से स्थानीय स्तर पर निवेश और रोजगार की संभावनाएँ बढ़ेंगी। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था और अवसंरचना विकास को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।

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