दिल्ली में पहली “निपुण शाला” का दिल्ली के सरकारी स्कूल से शुभारंभ । हर बच्चा बनेगा AI एम्बेसडर –शिक्षा मंत्री

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• सेवा पखवाड़े में शुरू हुआ ‘नमो सुगम्य रथ’ अभियान, सरकार का दिव्यांगों और बुजुर्गों की सुलभता पर जोर।

• अब सरकारी स्कूल होंगे निजी से बेहतर, 3 साल में हर स्कूल बनेगा स्मार्ट स्कूल — श्री सूद

• शिक्षा का असली बदलाव लर्निंग आउटकम्स में, निपुण संकल्प योजना दिल्ली सरकार का नया कदम।

• जनकपुरी के हरेक ब्लॉक और पार्क में एक पर्पल एंबेसडर नियुक्त किया जाएगा जो यह सुनिश्चित करेगा की उसका क्षेत्र दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए पूरी तरह से उनके अनुकूल हो। — श्री सूद।

दिल्ली के शिक्षा मंत्री श्री आशीष सूद ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे सेवा पखवाड़े के अवसर पर सर्वोदय कन्या विद्यालय, सी-3 नंबर 1 में दिल्ली सरकार की शिक्षा नीति निपुण संकल्प योजना के तहत पहली निपुण शाला का लोकार्पण किया गया। यह निपुण शाला बच्चों की Foundational Literacy and Numeracy (FLN) outcomes को सुदृढ़ बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। दिल्ली सरकार ने कक्षाओं 1 से 8 के विद्यार्थियों के लिए प्रारंभिक साक्षरता और संख्यात्मक कौशल को सशक्त बनाने हेतु “निपुण संकल्प” योजना की शुरुआत की है। रोटरी क्लब के सहयोग से स्थापित यह निपुण शाला बच्चों के सीखने के स्तर में सुधार और सर्वेक्षण के परिणामों को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगी। इस अवसर पर विशेष रूप से जनकपुरी क्षेत्र के कई ब्लॉकों के R W A के प्रतिनिधि भी बुलाये गए थे।

इसके साथ ही श्री सूद ने नमो सुगम्य रथ एवं सुगम्य दिल्ली यात्रा (पश्चिमी क्षेत्र) का शुभारंभ भी किया।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के विज़न को साकार करने में दिल्ली लगातार अग्रणी भूमिका निभा रही है। दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले तीन वर्षों में राजधानी का प्रत्येक विद्यालय निपुण सर्टिफाइड स्कूल बने। निपुण शाला की यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार के साथ-साथ सेवा पखवाडेक की भावना को और मजबूत करती है।

शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया की निपुण संकल्प योजना के माध्यम से दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करेगी की दिल्ली के हरेक सरकारी स्कूल का हर बच्चा प्रारंभिक साक्षरता और संख्यात्मक कौशल में दक्ष बने। यह कार्यक्रम न केवल बच्चों को सीखने में मदद करेगा बल्कि उनको उच्च शिक्षा में सफलता के लिए तैयार भी करेगा।

शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा की सरकारी स्कूलों के लर्निंग आउटकम्स को सुधारने के लिए “निपुण शाला” जैसी पहल की गई है। हमारा लक्ष्य है कि हर कक्षा स्मार्ट क्लासरूम बने, बच्चे तकनीक और एआई (AI) की समझ के साथ आगे बढ़ें। आने वाले समय में दिल्ली के बच्चे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर “AI एम्बेसडर” बनकर देश का प्रतिनिधित्व करें यह हमारी कल्पना है।

उन्होंने यह भी बताया की दिल्ली में पिछले कई वर्षों से शिक्षा के नाम पर एक झूठा नैरेटिव गढ़ा गया। कुछ इमारतें दिखाकर कहा गया कि शिक्षा में क्रांति हो गई है। लेकिन शिक्षा का असली परिवर्तन तब होगा जब लर्निंग आउटकम्स यानी बच्चों की वास्तविक शिक्षा और समझ में सुधार होगा।

दिल्ली के सरकारी स्कूलों का इतिहास गवाह है कि इन्हीं स्कूलों से पढ़कर बच्चे IIT, मेडिकल, सेना में जनरल, डॉक्टर और बड़े अधिकारी बने हैं। पिछले 10 वर्षों में शिक्षा के नाम पर केवल इमारतें दिखाई गईं असली परिवर्तन नहीं हुआ।

श्री सूद ने कहा की आज आप सभी RWAs को इसलिए भी बुलाया गया है कि पहले आपके बच्चे इन्हीं सरकारी स्कूलों में पढ़ते थे, लेकिन अब आप निजी स्कूलों को प्राथमिकता देने लगे हैं। आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी की सरकार इन स्कूलों को इतना सशक्त बनाएगी कि आप स्वयं अपने बच्चों और पोते-पोतियों के दाखिले के लिए इन्हीं स्कूलों की पैरवी करेंगे।

शिक्षा मंत्री ने कहा की दिल्ली सरकार का संकल्प है कि अगले पाँच वर्षों में दिल्ली के हर सरकारी स्कूल को स्मार्ट स्कूल बनाया जाए। लगभग 21,000 कक्षाओं में स्मार्ट ब्लैकबोर्ड लगाए जा चुके हैं, और बाकी 17,000 कक्षाओं में भी शीघ्र ही लगेंगे। दिल्ली के हर बच्चे को क्रोमबुक, स्मार्ट क्लासरूम और तकनीकी शिक्षा का अनुभव मिलेगा। वही सुविधाएँ जिनके लिए दिल्ली वाले आज निजी स्कूलों में बड़ी फीस चुकाते हैं।

श्री सूद ने आगे कहा की दिल्ली की सकूलों में AI का एथिकल यूज़ कर हम शिक्षकों का समय भी बचाया जा सकता है। जैसे अटेंडेंस फेस रिकग्निशन से , पेपर सेटिंग और असेसमेंट तकनीक आदि। इस प्रकार शिक्षा को तकनीक-सक्षम और प्रभावी बनाया जा रहा है।

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