भारत-अमेरिका अंतरिक्ष साझेदारी का नया अध्याय: ISRO और NASA का सहयोग फलदायी

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भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग ने हाल ही में नया मुकाम हासिल किया है। भारतीय राजदूत विनय क्वात्रा ने इस साझेदारी को ‘फलदायी और ऐतिहासिक’ बताते हुए कहा कि यह सहयोग दशकों से चला आ रहा है और अब नए आयामों में प्रवेश कर चुका है। इस साझेदारी के माध्यम से दोनों देशों ने न केवल वैज्ञानिक खोजों में बल्कि अंतरिक्ष अनुसंधान और तकनीक में भी महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग की शुरुआत 1970 के दशक में हुई थी। उस समय ‘सैटेलाइट इंस्ट्रक्शनल टेलीविजन एक्सपेरिमेंट’ (SITE) के तहत शिक्षा और दूरसंचार के क्षेत्र में संयुक्त प्रयास किए गए थे। इसके बाद, यह साझेदारी धीरे-धीरे विकसित हुई और चंद्रयान मिशन, आर्टेमिस समझौते और हाल ही में लॉन्च किए गए NISAR मिशन जैसे महत्वपूर्ण अभियानों तक पहुँच गई। इस लंबी अवधि की साझेदारी ने दोनों देशों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुसंधान में एक-दूसरे के साथ मजबूती से काम करने का अनुभव दिया।

NISAR मिशन: पृथ्वी की निगरानी में क्रांतिकारी कदम

NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) मिशन, जुलाई 2025 में लॉन्च किया गया, भारत और अमेरिका का एक संयुक्त प्रयास है। यह दुनिया का पहला रडार इमेजिंग सैटेलाइट है जो दो अलग-अलग रडार फ्रिक्वेंसी का उपयोग करता है—NASA का L-बैंड और ISRO का S-बैंड। इस तकनीक की मदद से पृथ्वी की सतह में सेंटीमीटर स्तर तक के परिवर्तन का पता लगाया जा सकता है। इसका प्रमुख उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं और भूमि परिवर्तनों की निगरानी करना है। यह मिशन वैश्विक स्तर पर पर्यावरण और आपदा प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित होगा।

मानव अंतरिक्ष उड़ान में भारत की भूमिका

2025 में, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने Axiom Mission 4 के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा की। यह भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन था जिसमें ISRO के सहयोग से वैज्ञानिक प्रयोग भी किए गए। यह मिशन भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता को प्रदर्शित करता है और भविष्य के चंद्र मिशन और अंतरिक्ष स्टेशन के प्रयासों के लिए मार्ग प्रशस्त करता है।

TRUST पहल: भविष्य की दिशा

भारत और अमेरिका ने ‘TRUST’ (Technology and Research in Space for United States and India) पहल के तहत भविष्य की अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास गतिविधियों के लिए रोडमैप तैयार किया है। इस पहल में मानव अंतरिक्ष उड़ान, अंतरिक्ष सुरक्षा और वाणिज्यिक अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।

क्वाड का अंतरिक्ष सहयोग

भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का समूह ‘क्वाड’ भी अंतरिक्ष सुरक्षा और उपग्रह प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सक्रिय है। इस समूह के प्रयास से क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष संबंधी चुनौतियों का समाधान करने में मदद मिल रही है।

भविष्य की योजनाएँ

आगे आने वाले वर्षों में, भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष साझेदारी और मजबूत होगी। भारत के मानव चंद्र मिशन, अंतरिक्ष स्टेशन और मंगल मिशन जैसी योजनाओं में NASA का सहयोग महत्वपूर्ण रहेगा। यह साझेदारी न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, बल्कि रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से भी दोनों देशों के संबंधों को नई ऊँचाई पर ले जाएगी।

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